
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सुबह हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जाएगी
बैठक में झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। उन्होंने ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। कैबिनेट ने तय किया कि राज्यपाल की सिफारिश को स्वीकार किया जाए और इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा प्रदेश की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस्तीफा दिया था। झारखंड का गठन 2000 में हुआ था और राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। मौजूदा संकट 8 जनवरी को शुरू हुआ था, जब बीजेपी के गठबंधन साझेदार झामुमो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
झारखंड विधानसभा में 82 सीटें हैं। बीजेपी और झामुमो के 18-18 सदस्य हैं। ऑल झारखंड स्टूडेण्टस यूनियन के छह, जेडीयू के दो, दो निर्दलीय और एक मनोनीत सदस्य गठबंधन सरकार के साथ थे। विपक्षी कांग्रेस के पास 13 सदस्य हैं। झारखंड विकास मोर्चा (पी) के 11, आरजेडी के पांच तथा भाकपा माले (लिबरेशन), मार्क्सवादी समन्वय पार्टी, झारखंड पार्टी (एक्का), झारखंड जनाधिकार मंच और जय भारत समता पार्टी के एक-एक सदस्य हैं, जबकि एक अन्य सदस्य निर्दलीय है।
बैठक में झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। उन्होंने ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। कैबिनेट ने तय किया कि राज्यपाल की सिफारिश को स्वीकार किया जाए और इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा प्रदेश की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस्तीफा दिया था। झारखंड का गठन 2000 में हुआ था और राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। मौजूदा संकट 8 जनवरी को शुरू हुआ था, जब बीजेपी के गठबंधन साझेदार झामुमो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
झारखंड विधानसभा में 82 सीटें हैं। बीजेपी और झामुमो के 18-18 सदस्य हैं। ऑल झारखंड स्टूडेण्टस यूनियन के छह, जेडीयू के दो, दो निर्दलीय और एक मनोनीत सदस्य गठबंधन सरकार के साथ थे। विपक्षी कांग्रेस के पास 13 सदस्य हैं। झारखंड विकास मोर्चा (पी) के 11, आरजेडी के पांच तथा भाकपा माले (लिबरेशन), मार्क्सवादी समन्वय पार्टी, झारखंड पार्टी (एक्का), झारखंड जनाधिकार मंच और जय भारत समता पार्टी के एक-एक सदस्य हैं, जबकि एक अन्य सदस्य निर्दलीय है।
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