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This Article is From Jun 03, 2020

पीएम केयर्स फंड से प्रवासी कर्मियों को 10-10 हजार रुपए दे केंद्र सरकार: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से अपील की कि वह COVID-19 के कारण पैदा हुए संकट के चलते प्रवासी श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए दे. बनर्जी ने ट्वीट किया कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराई जानी चाहिए.

पीएम केयर्स फंड से प्रवासी कर्मियों को 10-10 हजार रुपए दे केंद्र सरकार: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र से अपील की कि वह COVID-19 के कारण पैदा हुए संकट के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए दे. बनर्जी ने ट्वीट किया कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि वे लॉकडाउन के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट का सामना कर सकें. उन्होंने सलाह दी कि ‘आपात स्थितियों के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम केयर्स) का एक हिस्सा इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘मौजूदा वैश्विक महामारी के कारण लोग जिन आर्थिक संकटों से गुजर रहे हैं, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती. मैं केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि वह असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों समेत प्रवासी श्रमिकों को 10-10 हजार रुपए एक बार में हस्तांतरित करे. इसके लिए पीएम-केयर्स के एक हिस्से का इस्तेमाल किया जा सकता है.' कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को काबू करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
 


वहीं अगर आप बिहार में हैं, जहां शराबबंदी है और आप शराब पीते या बेचते गिरफ़्तार हुए हैं तो पटना हाई कोर्ट ने ज़मानत का एक नया नुस्ख़ा दिया है कि शराब बरामद होने के हिसाब से राशि जमा कराने की सहमति देने वाले अभियुक्तों को रिहा कर दिया जायेगा, लेकिन आरोपियों को ये पैसा पीएम केयर्स (PM-Cares) फंड में जमा करना होगा.

पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने शनिवार को एक नहीं बल्कि शराबबंदी से सम्बंधित कई मामलों में ये फ़ैसला दिया है. जिससे अनुमान है कि पीएम केयर्स फंड में कम से कम तीन लाख रुपये जमा हुए होंगे. कोरोना को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के समय शराबबंदी के मामलों में पटना हाइकोर्ट ने यह फैसला दिया है. 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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