केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लिया है. इसके तहत, मध्यप्रदेश में चने में दो प्रतिशत तक खेसारी दाल को मान्य किया गया है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इससे मध्यप्रदेश के चना उत्पादक लाखों किसानों को फायदा होगा. कृषि मंत्री श्री तोमर ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के साथ बैठक की थी. इसमें चर्चा हुई थी कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथारिटी आफ इंडिया ने खेसारी बेचने पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे चना उत्पादक बहुल म.प्र. के किसानों को नुकसान हो रहा है. यहां सागर, विदिशा, दमोह, छतरपुर व रायसेन में चने का काफी उत्पादन होता है.
गुना, धार, इंदौर, अशोक नगर, खंडवा, उज्जैन, देवास, शिवपुरी, हरदा, सीहोर आदि जिलों में भी हजारों किसान चना उगाहते हैं. किसानों की समस्या थी कि उनकी चने की उपज में खेसारी दाल मिली होती है, जिससे वे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना नहीं बेच पाते थे व चने की एमएसपी नहीं मिलने से नुकसान होता था. चने से खेसारी अलग करना भी आसान नहीं होता, जिससे वे सरकारी खरीद केंद्रों पर नहीं दे पा रहे थे. केंद्र सरकार ने इन लाखों किसानों की तकलीफ समझते हुए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) को निर्देशित किया, जिसके बाद नाफेड ने अपनी सभी शाखाओं तथा अन्य एजेंसी से कहा है कि चने में खेसारी दो प्रतिशत तक मान्य होगी.
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