केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, पुराने नोटों को जमा करने की मियाद नहीं बढ़ाई जा सकती

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, पुराने नोटों को जमा करने की मियाद नहीं बढ़ाई जा सकती

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पुराने नोटों को बदलने की समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती है.

खास बातें

  • पहले पुराने नोट 31 मार्च तक आरबीआई में जमा करने की बात कही गई थी
  • याचिकाकर्ता ने कहा कि पुराने नोट जमा करने की इजाजत दी जाए
  • नोटबंदी मामले में दाखिल याचिकाओं पर 21 मार्च को सुनवाई
नई दिल्ली:

नोटबंदी मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि पुराने नोटों को जमा करने की मियाद नहीं बढ़ाई जा सकती. नए कानून के मुताबिक अगर कोई तय सीमा से ज्यादा पुराने नोट रखता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि पहले नोटिफिकेशन में आपने पुराने नोट को जमा करने की गुंजाइश रखी थी लेकिन बाद में खत्म कर दी. आपको इस बारे में सोचना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको नहीं लगता कि पुराने नोटों को जमा कराने की मियाद को हम बढ़ा सकते हैं? दरअसल याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि हमें  पुराने नोट जमा करने की इजाजत दी जाए क्योंकि जमा करने का समय 31 मार्च तक है. सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी मामले में दाखिल याचिकाओं पर 21 मार्च को सुनवाई करेगा.

नोटबंदी मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि पहले प्रधानमंत्री और आरबीआई ने घोषणा की थी कि जो लोग किसी सही वजह से पुराने नोट जमा नहीं कर पाए वे 31 मार्च तक आरबीआई में जमा करा सकते हैं. लेकिन बाद में यह सीमा 30 दिसंबर 2016 तक ही कर दी गई. यह छूट 31 मार्च 2017 तक एनआरआई को ही दी गई है.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्यों न पुराने नोट बदलने की समय सीमा सभी के लिए 31 मार्च कर दी जाए? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई को नोटिस जारी कर शुक्रवार 10 मार्च तक जवाब मांगा था. याचिकाओं में कहा गया है कि चूंकि लोगों के लिए सरकार ने यह घोषणा की थी इसलिए सुप्रीम कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वह सभी के लिए पुराने नोट जमा करने की सीमा 31 मार्च तक करे.


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