यह ख़बर 18 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पाक की तरफ से युद्धविराम का उल्लंघन जारी, घुसपैठ की कोशिश नाकाम

पिछले कुछ अरसे से नियंत्रण रेखा पर लगातार तनाव बरकरार है

खास बातें

  • पिछले 10 दिनों में पाकिस्तान की तरफ से 19 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया गया है, जो हाल के महीनों में सर्वाधिक है। सेना ने कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश को भी नाकाम कर दिया।
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है और पाकिस्तान ने एक बार फिर युद्धविराम का उल्लंघन किया और मेंढर इलाके में भारतीय चौकियों पर फायरिंग की। इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी फायरिंग की। पिछले 10 दिनों में पाकिस्तान की तरफ से युद्धविराम उल्लंघन की यह 19वीं घटना है।

सेना ने यह भी कहा है कि जम्मू−कश्मीर के कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में घुसपैठियों और सेना के जवानों के बीच बीती रात करीब तीन बजे झड़प हुई। बताया जा रहा है कि सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। सेना के अधिकारियों के मुताबिक तलाशी अभियान सुबह भी जारी थी।

सेना के एक अधिकारी ने बताया, चौकस सैनिकों ने केरन सेक्टर में आज तड़के करीब ढाई बजे हथियारों से लैस आतंकवादियों को आते देखा। आतंकवादियों को चुनौती दी गई, जिसके बाद दोनों पक्षों में गोलीबारी शुरू हुई। उन्होंने कहा कि करीब तीन घंटे तक गोलीबारी हुई और आतंकवादी सीमा के उस पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लौट गए।

अधिकारी ने कहा, हम कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते और इलाके में अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभियान में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस साल जून के बाद से घुसपैठ के मामले में वृद्धि हुई है। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि पीओके में सक्रिय आतंकवादी सरगना घाटी में आतंकवादियों को भेजने का प्रयास कर रहे हैं।

सेना ने कहा कि उसने बीते 24 जून के बाद से कश्मीर घाटी में 28 आतंकवादियों को मार गिराया है। उधर, कुपवाड़ा जिले हंदवाड़ा इलाके में आज सुबह से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां आतंकवादियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी।

पाकिस्तानी सैनिकों ने शुक्रवार की रात भी जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर और हमीरपुर इलाकों में नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। इससे पूर्व, पाक सेना ने एलओसी पर करगिल और द्रास सेक्टर में भी फायरिंग की थी। करगिल युद्ध के 14 साल बाद इस सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन हुआ। 1999 में करगिल युद्ध हुआ था, जिसके बाद इस इलाके में कभी फायरिंग की घटना नहीं हुई थी।

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(इनपुट भाषा से भी)