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This Article is From Mar 29, 2013

मुम्बई पुलिसकर्मी पर हमले का सीसीटीवी फुटेज स्पष्ट नहीं : पाटिल

मुम्बई: महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में विधायकों द्वारा एक पुलिस अधिकारी पर हमले की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच अधर में लटक गई है क्योंकि सरकार ने कहा है कि घटना की सीसीटीवी फुटेज से कोई नतीजा नहीं निकाला जा सकता है और इसमें शामिल व्यक्तियों की स्पष्ट रूप से पहचान नहीं हुई है।

गृहमंत्री आर आर पाटिल ने कहा है कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) हिमांशु रॉय के साथ हमले का सीसीटीवी फुटेज देखा लेकिन उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि गत सप्ताह की घटना के दौरान कौन विधायक मौजूद थे।

पाटिल ने कहा, ‘‘फुटेज से कोई नतीजा नहीं निकाला जा सकता है। विधानसभा परिसर में हालांकि करीब 28 कैमरे हैं लेकिन वे घटना को स्पष्ट रूप से रिकार्डिंग नहीं कर पाये।’’ दो विधायकों क्षितिज ठाकुर (बहुजन विकास अगाढ़ी) और राम कदम (मनसे) को उपनिरीक्षक (यातायात) सचिन सूर्यवंशी को 19 मार्च को विधान भवन परिसर में कथित रूप से पिटाई करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। दोनों विधायक जमानत पर हैं।

दोनों ने हालांकि अन्य विधायकों के नामों का खुलासा नहीं किया है जो इस घटना में शामिल थे जिसे लेकर नाराजगी है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराध शाखा अन्य हमलावरों की धरपकड़ और एक सख्त मामला तैयार करने के लिए सीसीटीवी फुटेज पर निर्भर थी।

सूर्यवंशी को कथित रूप से 10 से 12 विधायकों ने पिटाई की थी। इससे एक दिन पहले उसने ठाकुर की कार को तेज गति से चलाने के लिए बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर रोका था और जुर्माना ठोका था।

इस हमले के बाद ठाकुर, कदम और तीन अन्य को विधानसभा से 31 दिसम्बर तक के लिए निलंबित कर दिया गया था और अपराधा शाखा को जांच के आदेश दिए गए थे।

गृहमंत्री ने बाद में सूर्यवंशी को ठाकुर के साथ कथित रूप से दुर्व्‍यवहार करने के लिए निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही अपराध शाखा के एक अधिकारी पीवी निगदे को मामले की जांच करने के दौरान कथित रूप से बिना पास के विधानसभा परिसर में प्रवेश करने के लिए निलंबित कर दिया था।

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