सीबीएसई की परीक्षा लीक होने के बाद कोर्ट में कई केस दायर किए गए थे.
नई दिल्ली:
सीबीएसई पेपर लीक मामले से जुड़े एक केस की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट ने की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद सीबीआई जांच का निर्देश देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सीबाआई के 12वीं के इकॉनोमिक्स के पेपर को दोबारा कराने के फैसले में दखल देने से भी इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ये सीबीएसई को तय करना है, कोर्ट को नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दीं.
बता दें कि सीबीएसई पेपर लीक मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दोबारा परीक्षा कराने और SIT जांच को लेकर याचिकाएं दाखिल की गई थीं. जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें दोबारा परीक्षा कराने का विरोध करते हुए पुरानी परीक्षा के आधार पर ही रिज़ल्ट घोषित करने की मांग की गई. इस जनहित याचिका को दीपक कंसल ने दायर किया है और पेपर लीक मामले की जांच सीबीआइ से कराए जाने की भी मांग की थी. याचिका में कंसल ने मामले की जांच सीबीआइ को देने के साथ ही तथ्यों और परिस्थितियों की गहराई से जांच करने के लिए स्पेशल हाई पावर कमेटी गठित किए जाने की भी मांग की थी.
केरल के शहर कोचीन के छात्र रोहन मैथ्यू ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर की थी. दूसरी अर्जी में केरल में 10 वीं के स्टूडेंट रोहन ने अपनी अर्जी में कहा कि कोर्ट सीबीएसई के फैसले को रद्द करे और बोर्ड को हो चुकी परीक्षा के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश करें.
रोहन ने अपनी अर्जी में कहा है कि परीक्षा दोबारा होना छात्रों के साथ ज्यादती है. रोहन ने अपनी अर्जी में कहा है कि उच्च स्तरीय कमेटी बने, जो पेपर लीक मामले की जांच करे ताकि इसकी सच्चाई सामने आ सके. तीसरी अर्जी वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दाखिल की है और इस पेपर लीक की सीबीआई से जांच की मांग की थी. साथ की कहा कि 12 वी कक्षा के प्रभावित छात्र को एक-एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. एक अन्य याचिका दो जुडवा बहनों ने दाखिल की है. 15 वर्षीया अनुसूया थॉमस और गायत्री थॉमस पूर्वी दिल्ली के एक स्कूल की छात्रा हैं और उन्होंने याचिका में सवाल उठाए हैं कि सीबीएसई ने जुलाई में दोबारा परीक्षा कराने का फैसला क्यों लिया.
बता दें कि सीबीएसई पेपर लीक मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दोबारा परीक्षा कराने और SIT जांच को लेकर याचिकाएं दाखिल की गई थीं. जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें दोबारा परीक्षा कराने का विरोध करते हुए पुरानी परीक्षा के आधार पर ही रिज़ल्ट घोषित करने की मांग की गई. इस जनहित याचिका को दीपक कंसल ने दायर किया है और पेपर लीक मामले की जांच सीबीआइ से कराए जाने की भी मांग की थी. याचिका में कंसल ने मामले की जांच सीबीआइ को देने के साथ ही तथ्यों और परिस्थितियों की गहराई से जांच करने के लिए स्पेशल हाई पावर कमेटी गठित किए जाने की भी मांग की थी.
केरल के शहर कोचीन के छात्र रोहन मैथ्यू ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर की थी. दूसरी अर्जी में केरल में 10 वीं के स्टूडेंट रोहन ने अपनी अर्जी में कहा कि कोर्ट सीबीएसई के फैसले को रद्द करे और बोर्ड को हो चुकी परीक्षा के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश करें.
रोहन ने अपनी अर्जी में कहा है कि परीक्षा दोबारा होना छात्रों के साथ ज्यादती है. रोहन ने अपनी अर्जी में कहा है कि उच्च स्तरीय कमेटी बने, जो पेपर लीक मामले की जांच करे ताकि इसकी सच्चाई सामने आ सके. तीसरी अर्जी वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दाखिल की है और इस पेपर लीक की सीबीआई से जांच की मांग की थी. साथ की कहा कि 12 वी कक्षा के प्रभावित छात्र को एक-एक लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. एक अन्य याचिका दो जुडवा बहनों ने दाखिल की है. 15 वर्षीया अनुसूया थॉमस और गायत्री थॉमस पूर्वी दिल्ली के एक स्कूल की छात्रा हैं और उन्होंने याचिका में सवाल उठाए हैं कि सीबीएसई ने जुलाई में दोबारा परीक्षा कराने का फैसला क्यों लिया.
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