अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में सीबीआई द्वारा अपने करीबी सहयोगी और दो अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने जांच एजेंसी पर आरएसएस से जुड़े तमिलनाडु के एक नेता को खुश करने के लिए उन्हें 'निशाना बनाए जाने' की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मारन ने पूरे घटनाक्रम से डीएमके प्रमुख करुणानिधि को अवगत कराने के बाद संवाददाताओं से कहा, सीबीआई को किसी को फंसाने वाली नहीं, बल्कि तथ्य-परक एक प्रणाली होना चाहिए। मुझे निशाना बनाया जा रहा है। तमिलनाडु के एक आरएसएस विचारक को खुश करने के लिए सीबीआई मुझे फंसा रही है। बहरहाल, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी गिरफ्तार किए गए तीन व्यक्तियों को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए बाध्य कर रही है और 'झूठा बयान' देने के लिए उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है।
पूर्व दूरसंचार मंत्री के चेन्नई स्थित आवास के लिए 300 से अधिक हाई स्पीड टेलीफोन लाइनों के कथित आवंटन के सिलसिले में सीबीआई ने बुधवार को दयानिधि मारन के तत्कालीन अतिरिक्त निजी सचिव वी गौतमन तथा दो अन्य को गिरफ्तार किया था।
ये लाइनें मारन के भाई के टीवी चैनल तक विस्तारित की गई थीं। सीबीआई ने अक्टूबर, 2013 में दर्ज प्राथमिकी में मारन, बीएसएनएल के तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक के ब्रह्मनाथन सहित अधिकारियों तथा सांसद वेलुस्वामी के नाम लिए हैं।
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