
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
मानेसर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के मामले में सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी रिपोर्ट सौंपी. सुप्रीम कोर्ट अगले महीने में इस पर फैसला सुना सकता है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी को भी प्रभावित कर सकता है. मामले में वाड्रा की कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है.
इससे पहले 17 अप्रैल 2017 को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ढींगड़ा कमीशन की रिपोर्ट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मानेसर में निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है.
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मानेसर में जमीन अधिग्रहण के मामले की सीबीआई जांच में दखल देने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई सीबीआई की रिपोर्ट के बाद करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उस अंतरिम आदेश को बदलने से भी इंकार कर दिया था. जिसमें विवादित जमीन पर किसी निर्माण पर रोक लगाई थी. 12 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
दरअसल मानेसर में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 912 एकड़ जमीन का अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन उसी दौरान डीएलएफ और कुछ और बिल्डरों ने किसानों से संपर्क किया और जमीन ले ली. इसके बाद हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया.
इसके बाद किसान सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जबकि हरियाणा की बीजेपी सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करने के साथ ही इस जमीन पर किसी भी निर्माण पर रोक लगा दी थी.
बिल्डरों का कहना है कि सरकार बदल जाने पर नई सरकार ने बदले की कार्रवाई की है. उन्होंने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट अपने अप्रैल 2015 के अंतरिम आदेश को संशोधित करे, जिसमें किसी भी निर्माण पर रोक लगाई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाने से इंकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी को भी प्रभावित कर सकता है. मामले में वाड्रा की कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है.
इससे पहले 17 अप्रैल 2017 को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ढींगड़ा कमीशन की रिपोर्ट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मानेसर में निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है.
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मानेसर में जमीन अधिग्रहण के मामले की सीबीआई जांच में दखल देने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई सीबीआई की रिपोर्ट के बाद करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उस अंतरिम आदेश को बदलने से भी इंकार कर दिया था. जिसमें विवादित जमीन पर किसी निर्माण पर रोक लगाई थी. 12 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
दरअसल मानेसर में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 912 एकड़ जमीन का अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन उसी दौरान डीएलएफ और कुछ और बिल्डरों ने किसानों से संपर्क किया और जमीन ले ली. इसके बाद हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया.
इसके बाद किसान सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जबकि हरियाणा की बीजेपी सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करने के साथ ही इस जमीन पर किसी भी निर्माण पर रोक लगा दी थी.
बिल्डरों का कहना है कि सरकार बदल जाने पर नई सरकार ने बदले की कार्रवाई की है. उन्होंने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट अपने अप्रैल 2015 के अंतरिम आदेश को संशोधित करे, जिसमें किसी भी निर्माण पर रोक लगाई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाने से इंकार कर दिया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं