
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मानेसर भूमि घोटाले में सुनवाई जारी रखने के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा फिर से शुरू करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के इस फैसले से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ा झटका लगा है. मानेसर भूमि घोटाले मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में जारी सुनवाई पर पिछले 4 साल से हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी थी. जो कि अब हटा दी गई है. इस मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 33 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई चार्जशीट पहले ही दाखिल कर चुकी है.
आरोपियों में एसएस ढिल्लों, छतर सिंह और एमएल तायल जैसे कुछ पूर्व नौकरशाह शामिल हैं, जिन्होंने तत्कालीन सीएम के प्रमुख सचिव के रूप में काम किया. साथ ही कुछ बिल्डर के नाम भी चार्जशीट में शामिल है. न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज किया. सीबीआई ने मुकदमे पर रोक हटाने की मांग की थी.
सीबीआई ने सितंबर 2015 में एक मामला दर्ज किया था. आरोप था कि निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात लोकसेवकों के साथ साजिश रचकर मानेसर, नौरंगपुर और गुड़गांव के किसानों और भू मालिकों से औने-पौने दाम में लगभग 400 एकड़ जमीन खरीदी. कथित तौर पर यह भूमि 27 अगस्त, 2004 से 24 अगस्त, 2007 के दौरान सरकार द्वारा अधिग्रहण का भय दिखाकर खरीदी गई थी.
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