सीबीआई (CBI) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के घर ली तलाशी ली है. जांच एजेंसी ने कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट हासिल करने के बाद उनके घर यह तलाशी की है. दरअसल, जांच एजेंसी के समन के बावजूद देशमुख लगातार पेश होने से बचते रहे हैं. इसके बाद जांच एजेंसी की ओर से यह कदम उठाया गया है. सीबीआई इससे पहले अनिल देशमुख के पैतृक आवास पर भी उन्हें खोजने के लिए पहुंच चुकी है, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला.
देशमुख महाराष्ट्र में 100 करोड़ रुपये वसूली के मामले में आऱोपी है. यह केस कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपा गया था. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर वसूली का यह रैकेट चलाने का आऱोप लगाया था. ऐसे गंभीर आऱोपों के बाद देशमुख के महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जांच एजेंसी ने उन्हें कई बार पूछताछ के लिए समन भेज चुकी थी, लेकिन वो एक बार भी पेश नहीं हुए.
महाराष्ट्र में वसूली रैकेट के इस मामले ने काफी सियासी तूल पकड़ा था. खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी देशमुख के बचाव में उतरे थे, लेकिन कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख को त्यागपत्र देना पड़ा. इस केस के बीच ही मुंबई में रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने और उस लावारिस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के केस ने भी भूचाल ला दिया था. एनसीपी और महाराष्ट्र सरकार में शामिल अन्य पार्टियां लगातार केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आऱोप लगाती रही हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी एनसीपी (NCP) नेता अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है. देशमुख के खिलाफ यह नोटिस 100 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में जारी किया गया था. जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि देशमुख को देश छोड़ने से रोकने के लिए ये नोटिस जारी किया गया है. ईडी के समन के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए हैं. इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख को राहत देने से इनकार कर दिया था. देशमुख और अन्य के खिलाफ ईडी ने यह मामला सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद किया गया था. 100 करोड़ रुपये वसूली के आरोप की बुनियाद पर मामला दर्ज किया गया था.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी
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