वीरभद्र सिंह का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
सीबीआई ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक मामला दर्ज किया और शिमला में उनके आवास सहित राज्य में 11 स्थानों पर छापे मारे। उनके दिल्ली स्थित आवास पर भी छापा मारा गया। सीबीआई की यह कार्रवाई आज हुई और आज ही वीरभद्र सिंह की पुत्री का विवाह हो रहा है।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर सीबीआई की कार्रवाई पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि जब ये मामला ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाइकोर्ट में विचाराधीन है तो फिर सीबीआई छापेमारी कैसे कर सकती है?
शिमला में सूत्रों ने बताया कि सिंह विवाह समारोह के लिए शिमला स्थित आवास से रवाना हुए और उसके बाद सुबह सात बज कर करीब 55 मिनट पर छापे शुरू हुए। जांच एजेंसी सिंह तथा उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये की कथित संपत्ति अर्जित करने के आरोप में जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि कथित बेहिसाब संपत्ति रखने के आरोप में सिंह तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिक जांच को अब भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एक नियमित मामले में बदल दिया गया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पुत्री अपराजिता सिंह और एक एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ प्राथमिक जांच की गई।
सूत्रों ने बताया कि आरोप है कि संप्रग सरकार में इस्पात मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने 2009 से 2011 के बीच 6.1 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। उन्होंने बताया कि आरोपों के मुताबिक, सिंह ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए अपने और अपने परिजनों के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से 6.1 करोड़ रुपये का निवेश किया।
वीरभद्र सिंह और उनके परिवार वाले बेटी के विवाह के लिए रवाना हुए ही थे कि कुछ ही मिनट बाद छापे के लिए 18 सदस्यों का दल पांच वाहनों में मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचा। मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्य छापे के समय आवास पर नहीं थे। वे विवाह के बाद लौटे, लेकिन आवास के बाहर खड़े संवाददाताओं से उन्होंने बात नहीं की।
सिंह की पुत्री का यहां स्थित संकट मोचन मंदिर में सुबह करीब 11 बजे सादगीपूर्ण तरीके से विवाह संपन्न हुआ। छापे के बाद वरिष्ठ अधिकारी, मंत्री और कांग्रेस के नेता उनके आवास पर पहुंचे।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज और पार्टी प्रवक्ता गणेश दत्त ने वीरभद्र सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि 'सिंह और उनके परिवार वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद से ही हम उनके इस्तीफे की मांग करते आ रहे हैं और अब उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।' (इनपुट भाषा से भी)
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर सीबीआई की कार्रवाई पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि जब ये मामला ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाइकोर्ट में विचाराधीन है तो फिर सीबीआई छापेमारी कैसे कर सकती है?
शिमला में सूत्रों ने बताया कि सिंह विवाह समारोह के लिए शिमला स्थित आवास से रवाना हुए और उसके बाद सुबह सात बज कर करीब 55 मिनट पर छापे शुरू हुए। जांच एजेंसी सिंह तथा उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये की कथित संपत्ति अर्जित करने के आरोप में जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि कथित बेहिसाब संपत्ति रखने के आरोप में सिंह तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिक जांच को अब भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एक नियमित मामले में बदल दिया गया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, पुत्र विक्रमादित्य सिंह, पुत्री अपराजिता सिंह और एक एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ प्राथमिक जांच की गई।
सूत्रों ने बताया कि आरोप है कि संप्रग सरकार में इस्पात मंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने 2009 से 2011 के बीच 6.1 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। उन्होंने बताया कि आरोपों के मुताबिक, सिंह ने केंद्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए अपने और अपने परिजनों के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से 6.1 करोड़ रुपये का निवेश किया।
वीरभद्र सिंह और उनके परिवार वाले बेटी के विवाह के लिए रवाना हुए ही थे कि कुछ ही मिनट बाद छापे के लिए 18 सदस्यों का दल पांच वाहनों में मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचा। मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्य छापे के समय आवास पर नहीं थे। वे विवाह के बाद लौटे, लेकिन आवास के बाहर खड़े संवाददाताओं से उन्होंने बात नहीं की।
सिंह की पुत्री का यहां स्थित संकट मोचन मंदिर में सुबह करीब 11 बजे सादगीपूर्ण तरीके से विवाह संपन्न हुआ। छापे के बाद वरिष्ठ अधिकारी, मंत्री और कांग्रेस के नेता उनके आवास पर पहुंचे।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज और पार्टी प्रवक्ता गणेश दत्त ने वीरभद्र सिंह के तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि 'सिंह और उनके परिवार वालों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद से ही हम उनके इस्तीफे की मांग करते आ रहे हैं और अब उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।' (इनपुट भाषा से भी)
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