इलाहाबाद हाईकोर्ट
नई दिल्ली:
बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में बसपा सुप्रीमो मायावती पर धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया गया है.
याचिका में मांग की गई है कि बसपा पार्टी की मान्यता को रद्द किया जाये और जनप्रतिनिधि कानून के तहत मायावती के खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिका में चुनावों को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग भी की गई है.
भाजपा के प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य नीरज शंकर सक्सेना ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सक्सेना के वक़ील हरी शंकर जैन का कहना है कि मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की संवैधनिक पीठ के फैसले के खिलाफ बयान जारी किया है.
संवैधनिक पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि धर्म और जाति के आधार पर वोट नहीं मांग सकते.
याचिका में कहा गया है कि मायावती ने इसी साल 3 जनवरी को प्रेस कांफ्रेस कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. उक्त सूची को मायावती ने धर्म और जाति के आधार पर विभाजित किया था.
साथ ही मायावती ने बसपा की एक बुकलेट जारी कर कहा था कि मुसलमानों की सच्ची हितैषी बसपा है. आनेवाले चुनाव में वो सपा को नहीं बसपा को वोट दें.
याचिका में मांग की गई है कि बसपा पार्टी की मान्यता को रद्द किया जाये और जनप्रतिनिधि कानून के तहत मायावती के खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिका में चुनावों को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग भी की गई है.
भाजपा के प्रदेश कार्यकारणी के सदस्य नीरज शंकर सक्सेना ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सक्सेना के वक़ील हरी शंकर जैन का कहना है कि मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की संवैधनिक पीठ के फैसले के खिलाफ बयान जारी किया है.
संवैधनिक पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि धर्म और जाति के आधार पर वोट नहीं मांग सकते.
याचिका में कहा गया है कि मायावती ने इसी साल 3 जनवरी को प्रेस कांफ्रेस कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. उक्त सूची को मायावती ने धर्म और जाति के आधार पर विभाजित किया था.
साथ ही मायावती ने बसपा की एक बुकलेट जारी कर कहा था कि मुसलमानों की सच्ची हितैषी बसपा है. आनेवाले चुनाव में वो सपा को नहीं बसपा को वोट दें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं