शनिवार को स्टालिन और डीएमके विधायकों को सदन के बाहर ले जाया गया
खास बातें
- एमके स्टालिन के खिलाफ चेन्नई पुलिस ने केस दर्ज किया है
- उन पर बिना अनुमति के मरीना बीच पर धरना देने का आरोप है
- विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान स्टालिन पर हंगामे का आरोप लगाया गया है
चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी पुलिस ने डीएमके नेता एमके स्टालिन के खिलाफ मरीना बीच पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर केस दर्ज किया है. गौरतलब है कि शनिवार को राज्य विधानसभा में पलानीस्वामी के विश्वासमत प्रस्ताव में हुए भारी हंगामे और हिंसा में स्टालिन ने सेंटर स्टेज ले लिया था. मुख्यमंत्री ने विश्वासमत जीत लिया लेकिन वोटिंग से पहले स्टालिन को उनके विधायकों के साथ सदन से बाहर ले जाया गया. बाहर निकलते हुए स्टालिन की शर्ट के बटन खुले हुए थे और उनकी शर्ट की जेब फटी हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सदन में उनके साथ भी हाथापाई हुई है. इससे पहले स्पीकर पी धनपाल ने आरोप लगाया था कि डीएमके विधायकों ने उनके साथ बदसलूकी की है. शाम को स्टालिन चेन्नई के मरीना बीच पर भूख हड़ताल करने बैठे लेकिन थोड़ी ही देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
विश्वासमत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने डीएमके का समर्थन करते हुए कहा कि 'अभी भी न्याय होना बाकी है. डीएमके के विधायकों को जबरन बाहर भेजा गया और फिर वोटिंग की गई. इस तरह बाहर ले जाना लोकतांत्रिक उसूलों के खिलाफ है.' पन्नीरसेल्वम ने कहा कि यह तो लोग ही तय करेंगे कि यह सब कुछ कितना वैध है. जब हम लोगों से मिलेंगे तभी हम उनके विचारों को समझ पाएंगे'
बता दें कि शनिवार को तमिलनाडु विधासनभा में 5 घंटे तक चले भारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ विश्वासमत तो जीत लिया लेकिन सदन के अंदर जो कुछ हुआ, उसकी बहुत निंदा की जा रही है. गुप्त मतदान की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर मेज, कुर्सियां और माइक तोड़ दिए गए. स्पीकर पी. धनपाल के हाथापाई हुई. सोशल मीडिया पर इस मामले में लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अभिनेता कमल हासन ने भी इस मसले पर तीखे तंज किए. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने विधायकों को निशाने पर लिया.