गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल की फाइल फोटो
अहमदाबाद:
गुजरात सरकार ने पटेल समुदाय को ओबीसी आरक्षण देने से इनकार कर दिया। इसने मंगलवार को बुलाई गई रैली से पहले आंदोलनकारियों के साथ टकराव का रास्ता साफ कर दिया है। इस बीच, ओबीसी समुदाय ने चेतावनी दी है कि अगर पटेलों की मांग मानी गई तो वे सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। (OBC बोले - पटेलों को आरक्षण दिया तो उखाड़ फेंकेंगे सरकार)
फिलहाल सरकार गतिरोध का समाधान ढूंढने के लिए पटेल समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रही है। ओबीसी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए पटेल समुदाय द्वारा बुलाई विशाल रैली से दो दिन पहले गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए उन्हें कोई भी आरक्षण देने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने समुदाय के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपने आंदोलन को खत्म कर दें।
गुजरात की जनता को संबोधित अपने प्रिंट और वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, 'संविधान और उच्चतम न्यायालय के फैसलों के अनुसार हम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण के ढांचे में कोई बदलाव नहीं कर सकते, न ही हम 50 फीसदी से अधिक आरक्षण दे सकते हैं।'
पटेल ने कहा, 'विभिन्न समयावधि पर विभिन्न राज्य सरकारों ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ आरक्षण दिया है, हम वैसा नहीं करना चाहते हैं। राज्य सरकार झूठे वादे करने में विश्वास नहीं करती है।'
उधर, पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने आज अपना संदेश दिया है, लेकिन पटेल समुदाय के सदस्य उसकी (संदेश की) अनदेखी करेंगे और रैली के लिए (25 अगस्त को) बड़ी संख्या में आएंगे।'
इस बीच, इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में ओबीसी समुदाय के हजारों सदस्यों ने साबरमती आश्रम के करीब पटेलों के आंदोलन के खिलाफ एक रैली की और धमकी दी कि अगर सरकार ने पटेलों की आरक्षण की मांग को माना तो वे सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। रैली में विभिन्न ओबीसी समुदायों के कम से कम 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।
फिलहाल सरकार गतिरोध का समाधान ढूंढने के लिए पटेल समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रही है। ओबीसी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए पटेल समुदाय द्वारा बुलाई विशाल रैली से दो दिन पहले गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए उन्हें कोई भी आरक्षण देने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने समुदाय के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपने आंदोलन को खत्म कर दें।
गुजरात की जनता को संबोधित अपने प्रिंट और वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, 'संविधान और उच्चतम न्यायालय के फैसलों के अनुसार हम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण के ढांचे में कोई बदलाव नहीं कर सकते, न ही हम 50 फीसदी से अधिक आरक्षण दे सकते हैं।'
पटेल ने कहा, 'विभिन्न समयावधि पर विभिन्न राज्य सरकारों ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ आरक्षण दिया है, हम वैसा नहीं करना चाहते हैं। राज्य सरकार झूठे वादे करने में विश्वास नहीं करती है।'
उधर, पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने आज अपना संदेश दिया है, लेकिन पटेल समुदाय के सदस्य उसकी (संदेश की) अनदेखी करेंगे और रैली के लिए (25 अगस्त को) बड़ी संख्या में आएंगे।'
इस बीच, इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में ओबीसी समुदाय के हजारों सदस्यों ने साबरमती आश्रम के करीब पटेलों के आंदोलन के खिलाफ एक रैली की और धमकी दी कि अगर सरकार ने पटेलों की आरक्षण की मांग को माना तो वे सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। रैली में विभिन्न ओबीसी समुदायों के कम से कम 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं