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This Article is From Aug 10, 2015

'सबके बेडरूम में मौजूद नहीं रह सकते' : पोर्न प्रतिबंध पर सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब

'सबके बेडरूम में मौजूद नहीं रह सकते' : पोर्न प्रतिबंध पर सरकार का सुप्रीम कोर्ट को जवाब
सरकार ने चाइल्ड पोर्न दिखाने वाली वेबसाइट्स पर रोक लगा दी है
नई दिल्ली: पोर्न साइट्स पर प्रतिबंध लगाने की एक याचिका का सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि child pornography पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए लेकिन हर वक्त सबके बेडरूम में मौजूद भी तो नहीं रहा जा सकता।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि पोर्न के प्रतिबंध पर समाज और संसद में एक लंबी बहस की जरुरत है। लेकिन हमें एक 'एकदलीय' देश भी नहीं बनना है।

सरकारी वकील रोहतगी ने कहा सरकार डिजिटल इंडिया पर ध्यान दे रही है। पीएम अपनी वेबसाइट पर सलाह मांग रहे हैं कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में क्या क्या होना चाहिए। इंटरनेट बहुत अहम रोल निभा रहा है। ऐसे में वेबसाइट्स ब्लॉक करने जैसे काम नहीं किए जा सकते क्योंकि इससे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर असर पड़ेगा। चाइल्ड पोर्न को बंद करना चाहिए और वो काम हो रहा है लेकिन सभी वेबसाइट्स को बैन करना मुमकिन नहीं है।

पिछले हफ्ते सरकार ने नैतिकता और मर्यादा का हवाला देते हुए उन 850 वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था जो कथित तौर पर पोर्न परोसते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर इस फैसले का कड़ा विरोध झेलने के बाद सिर्फ चाइल्ड पोर्न तक ही प्रतिबंध को सीमित कर दिया गया।

सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रॉवाइडर्स (ISPs) को उन सभी साइट्स को बंद करने का आदेश दिया जो child porn को बढ़ावा देती है। हालांकि कई सर्विस प्रॉवाइडर्स का कहना है कि सरकार का ये आदेश काफी अस्पष्ट और अव्यवहारिक है।

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