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This Article is From Mar 15, 2016

जरूरत पड़ने पर विजय माल्या को भारत लाने के विकल्प हैं सरकार के पास : रोहतगी

जरूरत पड़ने पर विजय माल्या को भारत लाने के विकल्प हैं सरकार के पास : रोहतगी
बरखा दत्त से बात करे मुकुल रोहतगी
नई दिल्ली: बंद हुई विमानन कंपनी किंगफिशर के मालिक विजय माल्या के भारत छोड़कर चले जाने के विवाद पर सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा है कि सरकार के पास माल्या को वापस लाने के कई रास्ते हैं।

एनडीटीवी से बात करते हुए रोहतगी ने कहा कि यदि माल्या जरूरत पड़ने पर स्वदेश नहीं लौटते हैं तब सरकार चाहे तो माल्या का पासपोर्ट रद्द कर सकती है और स्टेटलैस होने की सूरत में उन्हें वापस आना होगा। ऐसे में प्रत्यर्पण की कार्रवाई आरंभ की जा सकती है।

देश में तमाम बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपये लोन लेकर वापस नहीं करने के आरोप माल्या पर लगे हैं। इसके बाद कुछ बैंकों ने माल्या पर जानबूझकर लोन न चुकाने का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की। इसके बाद माल्या विदेश यात्रा पर चले गए हैं।
 

एक अखबार को कथित तौर पर दिए गए इंटरव्यू में माल्या ने कहा था कि वह भारत छोड़कर नहीं गए हैं और वह व्यापारी हैं। जरूरत पर में विदेश यात्रा पर जाते रहे हैं। माल्या का कहना है कि वह भारत आएंगे लेकिन अभी नहीं। अखबार के इस इंटरव्यू को माल्या ने खारिज कर कहा कि उन्होंने कोई इंटरव्यू नहीं दिया है।

इधर आईडीबीआई बैंक की अपील पर ईडी ने माल्या को हाजिर होने के लिए 18 तारीख मुकर्रर की है। उधर कुछ बैंक इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चले गए हैं। बैंकों की इश अपील पर केंद्र की ओर से अदालत में बताया गया कि माल्या फिलहाल भारत छोड़कर विदेश यात्रा पर गए हैं।

माल्या के देश छोड़कर चले जाने के बाद देश में राजनीति गर्मा गई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर जानबूझकर देश से चले जाने देने का आरोप लगाया है। वहीं केंद्र सरकार ने यूपीए के दौरान माल्या को लोन दिए जाने का सवाल उठाया है।

बता दें कि 2003 में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी बना थी। 2012 में भारी कर्ज के नीचे दबे होने के कारण कंपनी को बंद कर दिया गया।

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