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This Article is From Jul 26, 2016

क्रासिंग पर हादसों को रोकने के लिए रेल प्रशासन गंभीर नहीं - कैग की रिपोर्ट

क्रासिंग पर हादसों को रोकने के लिए रेल प्रशासन गंभीर नहीं - कैग की रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: भदोही में एक रेलवे फाटक पर हुए भयानक हादसे ने ऐस क्रॉसिंगों को संचालित करने की मौजूदा व्यवस्था पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार को रेल मंत्रालय की उपनगरीय सेवाओं पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कैग ने भी सवाल उठा दिया। रिपोर्ट में कहा गया है, "लेवल क्रॉसिंगों को हटाने के लिए पुल बनाने के काम में हो रही देरी से साफ है कि ऐसी जगहों पर हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेल प्रशासन गंभीर नहीं है।"

संसद में पेश की गई रिपोर्ट
संसद में पेश रिपोर्ट में कैग (CAG) ने कहा है कि जनवरी 2010 और दिसंबर 2014 के बीच 19,868 लोग रेल पटरी पार करते वक्त मारे गए। सबसे खास बात यह है कि इनमें से 17,638 मौतें सिर्फ मुंबई के उपनगरीय इलाकों में ही हुईं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी 2010 और दिसंबर 2014 के बीच 4,885 मौतें चलती ट्रेनों से गिरने की वजह से हुईं। इनमें भी 4002 लोगों की मौत मुंबई के उपनगरीय इलाकों में हुई।

साफ है यह समस्या काफी पुरानी है और इस मसले को लेकर किसी भी सरकार के दौर में रेल मंत्रालय ने गंभीरता नहीं दिखाई।  मुंबई के लिए तो यह आंकड़े और भी भयावह तस्वीर पेश करते हैं। अगर पहले मुंबई पर ही रेल मंत्रालय ध्यान दे तो काफी हद तक इसका हल निकाला जा सकता है।

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