नई दिल्ली:
लोकपाल विधेयक में राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
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