मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि आधार कार्ड न होने पर भी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाएगा.
नई दिल्ली:
सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि मध्याह्न भोजन योजना से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों को आधार कार्ड न होने की स्थिति में इस सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी लाभार्थियों को मध्याह्न भोजन के साथ-साथ 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या भी मिल सके. शून्यकाल के दौरान यह आश्वासन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिया.
उन्होंने कहा कि कोई भी लाभार्थी आधार कार्ड के अभाव में मध्याहन भोजन की सुविधा से वंचित नहीं होगा. सभी लाभार्थियों को यह सुविधा मिलेगी और जिन विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें यह मुहैया कराया जाएगा. जावड़ेकर ने यह आश्वासन कांग्रेस के मोतीलाल वोरा द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के लाभ के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने संबंधी मुद्दा उठाए जाने पर दिया.
वोरा ने कहा था कि सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है जिससे लगता है कि सरकार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की सुविधा नहीं देना चाहती. वोरा ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना इसलिए शुरू की गई थी कि अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आएं. इस योजना के तहत करीब 12 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं. पहले राजग ने आधार का विरोध किया था लेकिन अब उसने मध्याह्न भोजन योजना के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है.
जावड़ेकर ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी लाभार्थियों को मध्याहन भोजन मिलेगा. ‘‘मैं इस सदन को बताना चाहता हूं कि कोई भी विद्यार्थी मध्याह्न भोजन योजना से वंचित नहीं रह पाएगा. सभी को इसका लाभ मिलेगा और जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें आधार कार्ड मुहैया कराया जाएगा.’’
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के कई लाभार्थियों के पास आधार कार्ड हैं और जिन लाभार्थियों के पास यह कार्ड नहीं है उन्हें 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जहां आधार के लिए सुविधा नहीं हो सकती वहां राज्य सरकारें विद्यार्थियों को विशिष्ट नंबर मुहैया कराएंगी. जावड़ेकर ने कहा कि आधार कार्ड को मध्याह्न भोजन योजना से जोड़ने पर इस योजना के दुरुपयोग के मामलों में कमी आई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि कोई भी लाभार्थी आधार कार्ड के अभाव में मध्याहन भोजन की सुविधा से वंचित नहीं होगा. सभी लाभार्थियों को यह सुविधा मिलेगी और जिन विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें यह मुहैया कराया जाएगा. जावड़ेकर ने यह आश्वासन कांग्रेस के मोतीलाल वोरा द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के लाभ के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने संबंधी मुद्दा उठाए जाने पर दिया.
वोरा ने कहा था कि सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है जिससे लगता है कि सरकार विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की सुविधा नहीं देना चाहती. वोरा ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना इसलिए शुरू की गई थी कि अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आएं. इस योजना के तहत करीब 12 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं. पहले राजग ने आधार का विरोध किया था लेकिन अब उसने मध्याह्न भोजन योजना के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है.
जावड़ेकर ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी लाभार्थियों को मध्याहन भोजन मिलेगा. ‘‘मैं इस सदन को बताना चाहता हूं कि कोई भी विद्यार्थी मध्याह्न भोजन योजना से वंचित नहीं रह पाएगा. सभी को इसका लाभ मिलेगा और जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें आधार कार्ड मुहैया कराया जाएगा.’’
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के कई लाभार्थियों के पास आधार कार्ड हैं और जिन लाभार्थियों के पास यह कार्ड नहीं है उन्हें 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जहां आधार के लिए सुविधा नहीं हो सकती वहां राज्य सरकारें विद्यार्थियों को विशिष्ट नंबर मुहैया कराएंगी. जावड़ेकर ने कहा कि आधार कार्ड को मध्याह्न भोजन योजना से जोड़ने पर इस योजना के दुरुपयोग के मामलों में कमी आई है.
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