नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के काफिले को काला झंडा दिखाया. जिसके बाद पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों को पीटने के कई वीडियो सामने आए हैं. नालबारी जिले में जहां से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरा, वहीं ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसु) और असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (AJYCP) के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर CAA के खिलाफ विरोध जताया. कथित तौर पर प्रदर्शकारियों को पुलिस द्वारा बर्बरता से पीटने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इस वीडियो में पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीटते हुए दिखाई दे रही है.
एक वीडियो में जब मुख्यमंत्री का काफिला गुजरा, पुलिसकर्मी द्वारा नारे लगा रहे निहत्थे प्रदर्शनकारियों का पीछा करते हुए देखा गया. उन्हें पकड़कर पुलिस वैन ले जाते हुए भी देखा. बता दें कि मुख्यमंत्री जब गुवाहाटी से बारपेटा जिले में धार्मिक उपदेशक कृष्णगुरु के आश्रम जा रहे थे तब ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (AJYCP) के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कई स्थानों पर काले झंडे दिखाए. मुख्यमंत्री सोनोवाल का काफिला नलबाड़ी और बारपेटा जिलों से गुजर रहा था तब प्रदर्शनकारियों ने CAA और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. हालांकि मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि CAA किसी भी तरह से राज्य के मूल निवासियों को प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि केंद्र ने असमी हितों के संरक्षण के लिए पहले ही नियम बना लिया है.
उन्होंने नए साल के अवसर पर कहा कि CAA अब एक राष्ट्रीय कानून है और असम के मूल निवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भरोसा रखने की अपील करते हुए कहा, ‘लोगों को इस कानून के बारे में अपने मन में कोई संदेह या भ्रम नहीं रखना चाहिए. उनके हितों के संरक्षण के लिए हमारे पास कई योजनाएं हैं और नए साल के पहले दिन, मैं सभी भूमि पुत्रों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और ऐसी कोई शक्ति नहीं है जो उनके अस्तित्व को खतरे में डाल सके?'
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस धार्मिक अत्याचार के कारण अपने देश छोड़कर आए लोगों की छोटी संख्या को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकी. अब उन्हें संशोधित नागरिकता कानून, 2019 के तहत आवेदन करके भारतीय नागरिकता हासिल करने का अवसर दिया गया है.' उन्होंने कहा, ‘इन लोगों के कारण मूल निवासियों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि भाजपा विदेशियों को लाकर गांवों एवं चाय बागानों में अतिरिक्त जमीन मुहैया कराएगी. इससे गुमराह नहीं हों.'
Video: CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यूपी में 250 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को आई चोटें
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