नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों की फोटो और उनके पते सहित कई होर्डिंग लखनऊ के कई अहम जगहों पर लगवा दिए हैं. इस होर्डिंग में इन लोगों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पेनाल्टी भरने के लिए कहा गया है. आपको बता दें कि बीते दिसंबर के महीने में लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में कई प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था. होर्डिंग में कहा गया है कि अगर ये लोग पेनाल्टी नहीं देते हैं तो इनकी सपंत्ति जब्त कर ली जाएगी. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जब इन लोगों को पहले ही व्यक्तिगत स्तर पर नोटिस दिया जा चुका है तो ऐसा राज्य सरकार ने ऐसा होर्डिंग क्यों लगवाया है. जिन लोगों की होर्डिंग में तस्वीरें लगी हैं उनमें एक्टिविस्ट और राजनीतिज्ञ सदफ जफर, वकील मोहम्मद शोएब, थियेटर से जुड़े दीपक कबीर, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी शामिल हैं. ये सभी जमानत पर है कहा है कि सरकार की ओर से संपत्ति जब्त करने के फरमान के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे.
आपको बता दें कि जमानत देते हुए कोर्ट ने पाया है कि इनमें से कई खिलाफ लगाए गए आरोप को साबित करने के लिए पुलिस सबूत नहीं दे पाई है. फरवरी महीने में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसी तरह कानपुर के एक शख्स के खिलाफ संपत्ति जब्त करने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी थी.
वहीं सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में इस तरह के होर्डिंग लगाने का आदेश सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से आया है. दिसंबर में महीने में हुई हिंसा पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विवादित बयान 'बदला' भी दिया था. उन्होंने कहा, 'हम इस पर सख्ती से निपटेंगे. मैं खुद की इसकी निगरानी कर रहा हूं. जो भी हिंसा में शामिल हैं उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और कई चेहरों को वीडियोग्राफी और सीसीटीवी में पहचान लिया गया है. हम उनकी संपत्ति जब्त करेंगे और ऐसे लोगों से बदला लेंगे.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं