प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली/लखनऊ:
भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की वहीं राज्य में सत्तारूढ़ सपा को झटका लगा और उसे उपचुनाव में अपनी तीन सीटों में से दो पर हार का सामना करना पड़ा। उधर कर्नाटक में भी सत्तारूढ़ कांग्रेस को झटका लगा और उसे उपचुनाव में तीन में से दो सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा।
बिहार में करीब तीन महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में शानदार कामयाबी हासिल करने वाले सत्तारूढ़ जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और हरलाखी विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रत्याशी से पराजित हो गए।
अन्य पांच राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और त्रिपुरा में भी एक एक सीट के लिए उपचुनाव हुए थे। उन राज्यों में सत्तारूढ़ दलों क्रमश: भाजपा, शिवसेना, अकाली दल, टीआरएस और माकपा ने उपचुनाव में जीत हासिल की।
देश के आठ राज्यों में विधानसभा की 12 सीटों के लिए उपचुनाव कराए गए थे। उनके नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
उत्तर प्रदेश में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां सत्तारूढ़ अखिलेश यादव सरकार को झटका लगा और उसे दो सीटों मुजफ्फरनगर तथा देवबंद पर हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने हालांकि बीकापुर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा के कपिल देव अग्रवाल ने सपा प्रत्याशी गौरव स्वरूप को 7,352 मतों से पराजित किया। यह सीट भाजपा के लिए अहम मानी जा रही थी जिसने मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदुत्व मुद्दे को लेकर अभियान चलाया था।
देवबंद सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार माविया अली ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मीना राणा को हराया। इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद में ही स्थित है। बीकापुर सीट पर सपा प्रत्याशी आनन्द सेन यादव ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय लोकदल के मुन्ना सिंह चौहान को पराजित किया।
कर्नाटक में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में विपक्षी भाजपा को दो सीटों पर कामयाबी मिली वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। इन नतीजों को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने इन सीटों पर भाजपा को शिकस्त देने के लिए काफी परिश्रम किया था। भाजपा ने बेंगलुरु की हेब्बल सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और देवदुर्ग सीट कांग्रेस से छीन ली वहीं कांग्रेस ने उत्तरी कर्नाटक में बीदर सीट अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से छीन ली।
हेब्बल सीट को कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा था क्योंकि इस सीट पर पार्टी ने पूर्व रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ के पौत्र सी.के. अब्दुल रहमान शरीफ को उम्मीदवार बनाया था। भाजपा के वाई.ए. नारायण स्वामी ने उन्हें 19,149 मतों से पराजित किया।
शरीफ को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की इच्छा के खिलाफ आखिरी क्षणों में उम्मीदवार बनाया गया था। मुख्यमंत्री मौजूदा एमएलसी बी. सुरेश को उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में थे।
बीदर में कांग्रेस के रहीम खान ने भाजपा उम्मीदवार प्रकाश खंडारे को 22,721 मतों से पराजित किया।
देवदुर्ग में भाजपा उम्मीदवार के एस गौड़ नायक ने कांग्रेस प्रत्याशी ए राजशेखर नायक को 16,871 मतों से पराजित किया।
बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन को भी उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा और हरलाखी विधानसभा सीट पर केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नीत आरएलएसपी प्रत्याशी सुधांशु शेखर ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद साबिर को 18,650 मतों से पराजित किया।
उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना पालघर विधानसभा सीट को बचाने में कामयाब रही है। इसके उम्मीदवार अमित घोडा ने कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र गावित को 18,948 वोटों से हराकर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। घोडा को 67,129 वोट मिले हैं जबकि गावित को 48,181 वोट मिले हैं। शिवसेना के तत्कालीन विधायक कृष्ण अर्जुन घोडा के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गए थे।
तेलंगाना में जीत का सिलसिला कायम रखते हुए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने कांग्रेस से मेडक जिले की नारायणखेड़ विधानसभा सीट छीन ली। टीआरएस उम्मीदवार भूपाल रेड्डी ने 53,625 मतों के अंतर से इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार पी संजीव रेड्डी को महज 39,451 मत मिले जबकि तेदेपा के एम विजयपाल रेड्डी केवल 14,787 वोट जुटा सके। इस सीट को अब तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
बिहार के हरलाखी में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार आगे हैं और पंजाब के खडूर साहिब से अकाली दल उम्मीदवार की जीत हुई है। मध्य प्रदेश के मैहर से बीजेपी उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी ने जीत हासिल की है। बीजेपी ने कांग्रेस से यह सीट छीनी है।
त्रिपुरा के गोमती जिले में सत्तारूढ़ माकपा ने बीरगंज उपचुनाव में जीत दर्ज की। पार्टी प्रत्याशी परिमल देबनाथ ने बीजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 10,597 मतों के अंतर से शिकस्त दी। पीठासीन अधिकारी देबप्रिया वर्धन ने बताया कि देबनाथ को 20,355 मत मिले जबकि भाजपा के रंजीत दास को 9,758 मत हासिल हुए। कांग्रेस प्रत्याशी चंचल डे को केवल 1,231 मत मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।
उपचुनाव के नतीजे
(इनपुट एजेंसी से भी...)
बिहार में करीब तीन महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में शानदार कामयाबी हासिल करने वाले सत्तारूढ़ जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और हरलाखी विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रत्याशी से पराजित हो गए।
अन्य पांच राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और त्रिपुरा में भी एक एक सीट के लिए उपचुनाव हुए थे। उन राज्यों में सत्तारूढ़ दलों क्रमश: भाजपा, शिवसेना, अकाली दल, टीआरएस और माकपा ने उपचुनाव में जीत हासिल की।
देश के आठ राज्यों में विधानसभा की 12 सीटों के लिए उपचुनाव कराए गए थे। उनके नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए।
उत्तर प्रदेश में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां सत्तारूढ़ अखिलेश यादव सरकार को झटका लगा और उसे दो सीटों मुजफ्फरनगर तथा देवबंद पर हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने हालांकि बीकापुर सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा के कपिल देव अग्रवाल ने सपा प्रत्याशी गौरव स्वरूप को 7,352 मतों से पराजित किया। यह सीट भाजपा के लिए अहम मानी जा रही थी जिसने मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदुत्व मुद्दे को लेकर अभियान चलाया था।
देवबंद सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार माविया अली ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मीना राणा को हराया। इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद में ही स्थित है। बीकापुर सीट पर सपा प्रत्याशी आनन्द सेन यादव ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय लोकदल के मुन्ना सिंह चौहान को पराजित किया।
कर्नाटक में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हुए उपचुनाव में विपक्षी भाजपा को दो सीटों पर कामयाबी मिली वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। इन नतीजों को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने इन सीटों पर भाजपा को शिकस्त देने के लिए काफी परिश्रम किया था। भाजपा ने बेंगलुरु की हेब्बल सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा और देवदुर्ग सीट कांग्रेस से छीन ली वहीं कांग्रेस ने उत्तरी कर्नाटक में बीदर सीट अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से छीन ली।
हेब्बल सीट को कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा था क्योंकि इस सीट पर पार्टी ने पूर्व रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ के पौत्र सी.के. अब्दुल रहमान शरीफ को उम्मीदवार बनाया था। भाजपा के वाई.ए. नारायण स्वामी ने उन्हें 19,149 मतों से पराजित किया।
शरीफ को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की इच्छा के खिलाफ आखिरी क्षणों में उम्मीदवार बनाया गया था। मुख्यमंत्री मौजूदा एमएलसी बी. सुरेश को उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में थे।
बीदर में कांग्रेस के रहीम खान ने भाजपा उम्मीदवार प्रकाश खंडारे को 22,721 मतों से पराजित किया।
देवदुर्ग में भाजपा उम्मीदवार के एस गौड़ नायक ने कांग्रेस प्रत्याशी ए राजशेखर नायक को 16,871 मतों से पराजित किया।
बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन को भी उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा और हरलाखी विधानसभा सीट पर केन्द्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नीत आरएलएसपी प्रत्याशी सुधांशु शेखर ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद साबिर को 18,650 मतों से पराजित किया।
उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना पालघर विधानसभा सीट को बचाने में कामयाब रही है। इसके उम्मीदवार अमित घोडा ने कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र गावित को 18,948 वोटों से हराकर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। घोडा को 67,129 वोट मिले हैं जबकि गावित को 48,181 वोट मिले हैं। शिवसेना के तत्कालीन विधायक कृष्ण अर्जुन घोडा के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गए थे।
तेलंगाना में जीत का सिलसिला कायम रखते हुए सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने कांग्रेस से मेडक जिले की नारायणखेड़ विधानसभा सीट छीन ली। टीआरएस उम्मीदवार भूपाल रेड्डी ने 53,625 मतों के अंतर से इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार पी संजीव रेड्डी को महज 39,451 मत मिले जबकि तेदेपा के एम विजयपाल रेड्डी केवल 14,787 वोट जुटा सके। इस सीट को अब तक कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
बिहार के हरलाखी में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार आगे हैं और पंजाब के खडूर साहिब से अकाली दल उम्मीदवार की जीत हुई है। मध्य प्रदेश के मैहर से बीजेपी उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी ने जीत हासिल की है। बीजेपी ने कांग्रेस से यह सीट छीनी है।
त्रिपुरा के गोमती जिले में सत्तारूढ़ माकपा ने बीरगंज उपचुनाव में जीत दर्ज की। पार्टी प्रत्याशी परिमल देबनाथ ने बीजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 10,597 मतों के अंतर से शिकस्त दी। पीठासीन अधिकारी देबप्रिया वर्धन ने बताया कि देबनाथ को 20,355 मत मिले जबकि भाजपा के रंजीत दास को 9,758 मत हासिल हुए। कांग्रेस प्रत्याशी चंचल डे को केवल 1,231 मत मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।
उपचुनाव के नतीजे
सीट (राज्य) | विजेता प्रत्याशी | पार्टी | पिछली विजेता |
मुज़फ़्फ़रनगर (उत्तर प्रदेश) | कपिलदेव अग्रवाल | बीजेपी | सपा |
बीकापुर (उत्तर प्रदेश) | आनंद सेन | सपा | सपा |
देवबंद (उत्तर प्रदेश) | माविया अली | कांग्रेस | सपा |
देवदुर्गा (कर्नाटक) | के. शिवाना गौड़ा नायक | बीजेपी | कांग्रेस |
बीदर (कर्नाटक) | रहीम खान | कांग्रेस | केजेपी |
हेब्बल (कर्नाटक) | वाईए नारायण स्वामी | बीजेपी | बीजेपी |
नारायणखेड़ (तेलंगाना) | महारेड्डी भूपाल रेड्डी | टीआरएस | कांग्रेस |
खदूर साहिब (पंजाब) | रविंदर सिंह | अकाली दल | कांग्रेस |
मैहर (मध्य प्रदेश) | नारायण त्रिपाठी | बीजेपी | कांग्रेस |
हरलाखी (बिहार) | सुधांशु शेखर | आरएलएसपी | आरएलएसपी |
अमरपुर (त्रिपुरा) | परिमल देबनाथ | सीपीएम | सीपीएम |
पालघर (महाराष्ट्र) | अमित कृष्ण | शिवसेना | शिवसेना |
(इनपुट एजेंसी से भी...)
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