मुम्बई की साइबर पुलिस (Cyber police) ने ठगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था.खास बात है कि गिरोह के पास से बरामद लैपटॉप में 48 देशों के 27 हजार लोगों का डेटा मिला है.पुणे से पकड़े गए इन 4 शातिर ठगों के पास से 27 हजार लोगों के डेटा मिले हैं.जिनमें 48 देशों के लोग हैं. मुम्बई की साइबर पुलिस ने चारों आरोपियों को विदेशों में नौकरी देने के नाम पर लाखों ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
मुंबई के जेसीपी क्राइम मिलिंद भारंबे के अनुसार अलग अलग 48 देशों के नागरिकों का डेटा है जो इनके शिकार हो चुके होंगे या होने वाले थे. अभी तक की जानकारी में 2000 लोगों को ये ठग चुके हैं और इसके लिए 12 नेशनल बैंकों के 64 अकॉउंट का इतेमाल किया गया है.
गिरोह के लोग अलग अलग सोशल साइटों का अध्ययन कर नौकरी की जरूरत रखने वालों की पहचान करते थे. ऐसे एक शख्स को इन्होंने कनाडा के हिल्टन होटल में मैनेजर पद ख़ाली होने का मेल भेजा था.फिर मार्क्स ब्राउन के नाम से फोन पर बात कर नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया और रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग, वीजा इत्यादि के नाम पर 17 लाख ठग लिए.
गिरफ्तार 4 अफ्रीकी नागरिकों में से एक छात्र वीजा पर हिंदुस्तान आया है जबकि एक के पास कोई कागजात ही नही है. ठगी के लिए इन्होंने 64 गरीबों को पैसों का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया जो देश एक अलग अलग शहरों और कस्बों में रहने वाले हैं.पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इनमें से कुछ के बैंक अकाउंट मामूली पैसे देकर खरीद लिए थे.
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