बजट 2020-21 पर बोले कांग्रेस नेता राहुल गांधी- बेरोजगारी से निपटने के लिए इसमें कुछ भी नहीं

आज पेश हुए मोदी सरकार के बजट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि इसमें कोई बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई विचार नहीं है जबकि मुख्य मुद्दा ही बेरोजगारी है.

बजट 2020-21 पर बोले कांग्रेस नेता राहुल गांधी- बेरोजगारी  से निपटने के लिए इसमें कुछ भी नहीं

Budget 2020 : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट की आलोचना की है

नई दिल्ली:

आज पेश हुए मोदी सरकार के बजट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि इसमें कोई बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई विचार नहीं है जबकि मुख्य मुद्दा ही बेरोजगारी है. राहुल ने कहा कि बजट में ऐसा नहीं कुछ जिससे की युवाओं को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि बजट में बहुत सी बातें दोहराई गई हैं, इसमें कई सी बातें भ्रम पैदा करने वाली हैं. राहुल ने कहा कि हो सकता है कि यह अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण हो लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि बजट फीका, विकास के लिए उत्प्रेरक की कमी, रोजगार सृजन के लिए कोई स्पष्ट रूपरेखा नहीं है. केंद्रीय बजट की आचोचना करते हुए माकपा ने शुक्रवार को कहा कि इसमें सिर्फ 'बेकार' की बातें हैं और यह लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करता.  माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इसमें 'लोगों की दिक्कतें' दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने ट्वीट किया, 'सिर्फ बेकार की बातें और जुमले हैं. इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने, बढ़ती बेरोजगारी, गांवों में मजदूरी भुगतान संकट, परेशान किसानों की आत्महत्या करने जैसी समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है.' वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन इसके साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया है.

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट (Budget 2020-21) भाषण में अब तक कई बड़े ऐलान किए हैं.  वित्त मंत्री ने  टैक्‍स स्‍लैब में बड़े बदलाव का ऐलान किया है. 5 से 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्‍स देना होगा, इसके साथ ही 7.5 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15 फीसदी, 10 से 12.5 लाख रुपये की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्‍स, 12.5 से 15 लाख रुपये की आमदनी पर 25 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्‍स देना होगा. लेकिन नयी आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नयी व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा.  बजट में जब वित्त मंत्री ने 2020-21 में GDP की अनुमानित विकास दर 10 फीसदी का अनुमान जताया तो संसद में हूटिंग जमकर हूटिंग हुई. बजट में इसके साथ ही एलआईसी में कुछ सरकारी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान हुआ है.

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