प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में पांच देशों के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) में शांतिपूर्ण तरीकों से अफगानिस्तान (Afghanistan) में स्थिति को सुलझाने का आह्वान किया गया. ब्रिक्स देशों- ब्राज़ील रूस भारत चीन और दक्षिण अफ़्रीका का आज 13वां शिखर सम्मेलन हुआ. पिछली बार की ही तरह इस साल भी कोविड के प्रतिबंधों के कारण से सम्मेलन भी वर्चुअल तरीक़े से हुआ. इसमें पांचों देश के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए. मुख्य तौर पर इस सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान का मुद्दा छाया रहा. कोरोना वैक्सीन को लेकर भी बात हुई.
जहां पीएम मोदी ने शुरुआती बयान में भारत की अध्यक्षता में अहम उपलब्धियों की बात की, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कोरोना वैक्सीन की सबके लिए उपलब्धता और सहयोग की बात की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफ़ग़ानिस्तान के मामले में चिंता जताते हुए अमेरिका को वहां की स्थिति के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. पुतिन ने कहा कि जिस तरह अमेरिका ने वहां के इतिहास और संस्कृति को दरकिनार कर लोकतंत्र थोपने की कोशिश की और जिस तरह से वहां से निकला इसके कारण एक नया सुरक्षा संकट खड़ा हो गया है. उसे आतंक की ज़मीन नहीं बनने देना है.
लेकिन अफ़ग़ानिस्तान को लेकर चिंता सभी को है और भारत की तो और भी ज़्यादा. विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने जानकारी दी कि अफ़ग़ानिस्तान पर नेताओं में अच्छी ख़ासी चर्चा हुई और भारत के रुख़ से सहमत नज़र आए. इसमें संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी बात हुई.
इस सम्मेलन के बाद एक न्यू डेलही डिकलेयरेशन भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि अफ़ग़ानिस्तान को आतंकियों का पनाहगाह नहीं बनने देना है, वहां से किसी दूसरे देश पर हमले को रोकना है. ड्रग ट्रैफ़िकिंग भी रोकना है और महिलाओं बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार प्राथमिकता हैं. हामिद करज़ई हवाई अड्डे के पास हमले की निंदा भी की गई. इस हमले में कई लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे.
कोरोना पर इसमें कहा गया कि वैक्सीन सबके लिए उपलब्ध हो, WTO में वैक्सीन पर कॉपीराइट हटाने के भारत और दक्षिण अफ़्रीका की मांग मानी जाए और वायरस की उत्पत्ति की जांच इससे लड़ने में सहायक होगी. ब्रिक्स का अगला अध्यक्ष चीन है और 2022 में वो शिखर सम्मेलन होस्ट करेगा.
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