भारत-पाकिस्तान के बीच एनएसए स्तर की वार्ता पर 10 अपडेट

भारत-पाकिस्तान के बीच एनएसए स्तर की वार्ता पर 10 अपडेट

कश्मीरी अलगाववादी नेता (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली:

भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए स्तर की वार्ता का मुद्दा इतना गर्मा गया है कि जहां भारत कश्मीरी अलगाववादियों से पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज से मुलाकात नहीं होने देने के इरादे पर अड़ा है वहीं, पाकिस्तान भी इस पर अपना रुख कड़ा किए हुए है कि वह कश्मीरी अलगाववादियों से बात करेगा। रविवार को दोनों देशों के एनएसए द्विपक्षीय वार्ता के लिए मिलने वाले हैं।

1. भारत सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि अलगाववादी नेताओं की आज की गिरफ्तारी और फिर रिहा किए जाने की कार्रवाई से भारत, पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहता था कि वे इस बातचीत में तीसरी पार्टी नहीं हो सकते।

2. अलगाववादी नेता यासीन मलिक, सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक को सरताज अजीज ने दिल्ली में एक रिसेपशन के लिए बुलाया है। अजीज रविवार को अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से मुलाकात करेंगे।

3. सरकार के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि भारत किसी भी सूरत में अलगाववादियों और अजीज की मुलाकात नहीं होने देंगे।

4.साथ ही सूत्र कह रहे हैं कि पाकिस्तान अलगाववादियों से कहीं और मुलाकात कर सकता है और उसे बातचीत होने के तौर पर बेच सकता है। लेकिन नई दिल्ली इसके लिए इजाजत नहीं दे सकता है।

5. सूत्र बता रहे हैं कि पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि उसे भारत की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से अलगाववादियों से मुलाकात का विरोध नहीं किया है।

6. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा कि अजीज भारत के साथ बातचीत में सभी मुद्दे उठाएंगे। इसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है।

7. कश्मीर मुद्दे पर कड़ा रुख दिखाते हुए पाकिस्तान ने कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर को बुलाए जाने की भारत मांग करता रहा है जिसे पाकिस्तान शुरू से ही अस्वीकार करता रहा।

8. भारत जहां पाकिस्तान के अलगाववादियों को बुलाए जाने के मुद्दे को उकसावे की कार्रवाई मान रहा है, वहीं सूत्र बता रहे हैं कि भारत की ओर से यह भी स्पष्ट है वह वार्ता होने देना चाहता है जो लगभग एक साल से रुकी पड़ी है।

9. बता दें कि पिछले साल जुलाई में भारत ने पाकिस्तान के साथ वार्ता को रद्द कर दिया था जब पाकिस्तान ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता से पहले अलगाववादी नेताओं से बातचीत की थी।

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10. वहीं, एक साल बाद जब दोनों देशों के प्रधानमंत्री उफा में एक बैठक से इतर मिले तब दोनों वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गए थे।