
प्रतीकात्मक चित्र
मुंबई:
बंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे की उस 46 वर्षीय महिला को जमानत दे दी है जिसे अपनी दो बच्चियों को जहर देकर मारने के आरोप में जेल की सजा सुनाई गई थी. यह सजा निचली अदालत द्वारा सुनाई गई थी. जमानत देने का आदेश मंगलवार को न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने सुनाया. जीना अग्रवाल नामक इस महिला ने याचिका देकर अनुरोध किया था कि ठाणे जिला अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी अपील पर जब तक उच्च न्यायालय निर्णय नहीं कर लेता , उसके आजीवन कारावास के दण्ड को स्थगित किया जाए.
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उसने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि तब तक उसे अंतरिम जमानत प्रदान की जाए. पीठ ने जीना की याचिका को इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए मंजूरी दी कि घटना के समय उसके पति की मृत्यु होने के कारण वह अवसाद से ग्रस्त थी. गौरतलब है कि आरोपी महिला ने इस घटना को 13 साल पहले अंजाम दिया था.
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पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जब घटी तो ऐसा आरोप है कि याचिकाकर्ता (जीना) ने अपनी दोनों अल्पवय बच्चियों को नींद की गोली देने के बाद स्वयं भी नींद की गोली खा ली थी. बाद में वह तो बच गयी किन्तु उसकी दोनों पुत्रियों की मौत हो गई थी. (इनपुट भाषा से)
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उसने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि तब तक उसे अंतरिम जमानत प्रदान की जाए. पीठ ने जीना की याचिका को इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए मंजूरी दी कि घटना के समय उसके पति की मृत्यु होने के कारण वह अवसाद से ग्रस्त थी. गौरतलब है कि आरोपी महिला ने इस घटना को 13 साल पहले अंजाम दिया था.
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पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जब घटी तो ऐसा आरोप है कि याचिकाकर्ता (जीना) ने अपनी दोनों अल्पवय बच्चियों को नींद की गोली देने के बाद स्वयं भी नींद की गोली खा ली थी. बाद में वह तो बच गयी किन्तु उसकी दोनों पुत्रियों की मौत हो गई थी. (इनपुट भाषा से)
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