केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में, भाजपा (BJP) ने अगले साल की शुरुआत में कई राज्यों के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2022) पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में वॉर रूम बैठक (BJP War Room Meeting) की. पांच राज्यों में फरवरी और मार्च में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. ये राज्य पंजाब, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश हैं. पार्टी का पहले से ही पंजाब को छोड़कर अन्य चारों राज्यों में शासन है और वह कम से कम तीन राज्यों में आराम से वापसी की उम्मीद कर रही है. उसे एकमात्र संभावित चुनौती राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में मिलने की उम्मीद है.
भाजपा नेताओं ने की जेपी नड्डा से मुलाकात
कुछ महीने पहले BJP को सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उभरे असंतोष को शांत करने के लिए काफी प्रयास करने पड़े थे. जैसे ही अपना दल और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का एक वर्ग संतुष्ट हुआ लखीमपुर खीरी की घटना हो गई. दो दिन पहले राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने दिल्ली में पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. सूत्रों ने कहा कि चार घंटे की बैठक का एजेंडा, 3 अक्टूबर की घटनाओं के बाद उत्पन्न हुई स्थित पर चर्चा करना था. लखीमपुर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने कथित तौर पर विरोध कर रहे चार किसानों को गाड़ी से रौंद दिया था.
अजय मिश्रा पर हुई चर्चा
यूपी बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली में पार्टी के 'वैचारिक संरक्षक' राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं से भी आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर मुलाकात की थी. सूत्रों ने संकेत दिया था कि गृह मंत्री अजय मिश्रा ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है और ऐसे संकेत थे कि पार्टी, विपक्ष और किसान समूहों के भारी दबाव में है. ऐसे में भाजपा अपने विकल्पों पर विचार कर सकती है और आगे क्या करना है, इस पर फैसला ले सकती है. पार्टी के लिए बड़ा सवाल यह था कि क्या अजय मिश्रा इस्तीफा दे देते हैं, तो क्या ब्राह्मण समुदाय नाराज होगा. बता दें कि ब्राह्मण 2017 के चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद पर ठाकुर की नियुक्ति से पहले से ही नाखुश हैं.
ब्राह्मण वोट बैंक पर भाजपा का फोकस
दूसरे कार्यकाल के लिए योगी आदित्यनाथ का समर्थन कर रही भाजपा ब्राह्मण समुदाय के समर्थन को वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, जिसके केवल 11 प्रतिशत मतदाता हैं, जो राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए 100 दिनों में 100 कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है. इनमें विभिन्न जातियों और समुदायों को जोड़ने के लिए जनसभाएं, घर-घर जाकर अभियान, केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान और युवा सम्मेलन शामिल होंगे.
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