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भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का बहिष्कार करने का निर्णय हुआ।
बैठक में भाजपा और संघ पर कथित हिन्दू आतंकी प्रशिक्षण शिविर चलाने का आरोप लगाने वाले शिंदे का बहिष्कार करने का निर्णय करते हुए कहा गया कि भले ही गृहमंत्री लोकसभा के नेता के रूप में विपक्ष की बैठक क्यों नहीं बुलाएं, उसमें नहीं जाया जाएगा।
शिंदे का तब तक बहिष्कार करने का निर्णय किया गया जब तक कि वह अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते।
राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद यह जानकारी देने के साथ ही कहा कि भाजपा ऐसा करते हुए हालांकि संसद के भीतर शिंदे का बहिष्कार नहीं करेगी और न ही गृह मंत्री के संसद में कुछ कहने पर सदन की कार्यवाही बाधित करेगी।
उन्होंने बताया कि शिंदे के आडवाणी, सुषमा या जेटली किसी से मिलने के आग्रह को भी ठुकराया जाएगा। वह देश में जहां भी जाएंगे पार्टी कार्यकर्ता उन्हें काले झंडे दिखाएंगे।
पार्टी ने हालांकि शिंदे के मुद्दे पर कुछ नरमी का रुख दिखाते हुए उनका इस्तीफा मांगने पर जोर नहीं देने और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गृहमंत्री पर माफी मांगने के लिए दबाव नहीं देने का भी संकेत दिया।
पिछले सप्ताह नाट्कीय घटनाक्रम में नितिन गडकरी की बजाय राजनाथ सिंह के अप्रत्याशित रूप से भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद उसके कोर ग्रुप की इस पहली बैठक में देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति के बारे में चर्चा की गई।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी शामिल हुए। बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और अनंत कुमार आदि भी उपस्थित थे।
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