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This Article is From Jan 11, 2017

प्रधानमंत्री के खिलाफ फतवे को लेकर पश्चिम बंगाल में भाजपा-टीएमसी के बीच मचा वाक युद्ध

प्रधानमंत्री के खिलाफ फतवे को लेकर पश्चिम बंगाल में भाजपा-टीएमसी के बीच मचा वाक युद्ध
कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरुर रहमान बरकती ने पीएम के खिलाफ फतवा जारी किया था
कोलकाता: नोटबंदी के फैसले से पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा राजनीतिक भूचाल आया हुआ है. एक तरफ जहां, मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी नोटबंदी पर प्रधानमंत्री के खिलाफ झंडा बुलंद करके देशभर की यात्राएं कर रहीं हैं, वहीं कोलकाता की एक मस्जिद के इमाम ने प्रधानमंत्री पर लोगों का ठगने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री का सिर मुंडकर उनका मुंह काला करने वाले को 25 लाख रुपये का इनाम देने फतवा जारी किया.

यहां नोटबंदी की राजनीति पर भाजपा और टीएमसी द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज करवाए गए हैं.

बता दें कि बीते शनिवार को कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरुर रहमान बरकती ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के आम लोगों को नोटबंदी के नाम पर ठगा है. इससे लोगों को बड़ी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए देश का आम आदमी नहीं चाहता कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने रहें.

शाही इमाम ने कहा कि मौलाना, सूफी, सिख या फिर संत ही दाढ़ी रखते हैं और जनहित के काम करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री केवल लोगों को ठगने के लिए दाढ़ी रखते हैं.

खास बात यह है कि जिस समय इमाम यह फतवा जारी कर रहे थे उस समय तृणमूल कांग्रेस के सांसद इदरिश अली उनकी साथ वाली सीट पर ही बैठे थे.

भाजपा ने इस फतबे पर पलटवार करते हुए इमाम की गिरफ्तारी की मांग की है. इस बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस में इमाम के खिलाफ एक रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है. पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री से इमाम को गिरफ्तार करने की मांग की है.

फतवे के बाद आलोचनाओं में घिर सांसद इदरिश अली ने शाही इमाम के फतवे पर माफी मांगने से साफ इंकार करते हुए कहा कि वे फतवे पर माफी क्यों मांगें, नोटबंदी के दौरान लाइनों में खड़े 125 लोगों की मौत हो गई और प्रधानमंत्री की तरफ से काई अफसोस तक नहीं किया गया.

इदरिश ने कहा, 'फतवा अपनी जगह है, मुझे इससे किसी भी तरह का डर नहीं है. और रही पुलिस में रिपोर्ट की बात तो मैंने क्या किया है..'

लेकिन, भाजपा इस मौके पर टीएमसी पर हमला करने का कोई मौका चूकना नहीं चाहती. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिंहा ने इस मुद्दे पर पत्रकारों को बुलाकर कहा कि इस फतवे के पीछे मुख्यमंत्री का हाथ है. उन्होंने कहा कि इमाम और टीएमसी सांसद की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए, नहीं वे इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.


उधर, इदरिश अली ने पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में जान से मारने की धमकी मिलने का मामला दर्ज करवाया है. इदरिश का आरोप है कि उन्हें केरल और दुबई से फोन पर धमकियां दी जा रही हैं कि अगर उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ बोला तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा.

एक अन्य मुस्लिम धर्म गुरु, फुरफुरा शरीफ के इमाम तोहा सिद्दीकी ने शाही इमाम नुरुर रहमान बरकती के फतवे की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें आग को हवा नहीं देनी चाहिए, अगर कहीं आग लगी है तो पानी डालने का काम करना चाहिए, ना कि उसे और बढ़ावा देने का. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि ममता बनर्जी किसी ऐसे फतवे का समर्थन करेंगी.

बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के दौरान हुई लोगों की मौत के लिए प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था. ममता ने एक संदेश में कहा, 'मोदी बाबू, आप बहुत अहंकारी हैं. आप नोटबंदी की वजह से हुई 120 से अधिक लोगों की मौत के जिम्मेदार हैं.' टीएमसी प्रमुख ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन भी शुरु किए हैं.

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