यह ख़बर 30 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कर्नाटक भाजपा में संकट बरकरार, नेतृत्व पर निगाहें

खास बातें

  • एक दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के वफादार नौ मंत्री शनिवार को भी मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा को हटाने की अपनी मांग पर अड़े रहे।
बेंगलूर:

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई में चल रहा संकट जस का तस बना हुआ है। एक दिन पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के वफादार नौ मंत्री शनिवार को भी मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा को हटाने की अपनी मांग पर अड़े रहे। पार्टी नेतृत्व के एक दूत ने हालांकि जल्द समाधान की उम्मीद जताई है।

भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दूत के रूप में भेजे गए पार्टी महासचिव व कर्नाटक प्रभारी धर्मेद्र प्रधान शनिवार को बेंगलुरू पहुंचे। राज्य इकाई के विभिन्न गुटों के साथ बातचीत करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम संकट का समाधान जल्द निकालने की दिशा में बढ़ रहे हैं।"

प्रधान रविवार को नई दिल्ली लौटेंगे और पार्टी के केंद्रीय नेताओं को अपने प्रयासों के बारे में बताएंगे। उन्होंने यह संकेत नहीं दिया कि केंद्रीय नेता इस संकट पर कब विचार करेंगे।

राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री एसए रामदास ने हालांकि कहा कि पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक दिल्ली में अगले दो या तीन दिनों के भीतर होगी, जिसमें समस्या खत्म करने के लिए अंतिम निर्णय लिया जाएगा।     

वहीं, जल संसाधन मंत्री बासवराज बोम्मई ने पत्रकारों से कहा, "हमारी मांग है कि सदानंद गौड़ा की जगह पर ग्रामीण विकास मंत्री जगदीश शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाया जाए। हम इस मांग से पीछे नहीं हटेंगे।"

शेट्टार और बोम्मई उन नौ मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने शुक्रवार रात गौड़ा को इस्तीफे सौंपे। अन्य मंत्रियों में सीएम उदासी (लोक निर्माण कार्य), मुरुगेश निरानी (उद्योग), वी. सोमण (आवास), उमेश कट्टी (कृषि), रेवू नाइक बेलामागी (पुस्तकालाय और पशुपालन) व एमपी रेणुकाचार्य (उत्पाद शुल्क) शामिल हैं।

बोम्मई व उदासी पार्टी की राज्य इकाई में जारी उथल-पुथल के लिए गौड़ा को जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि गौड़ा खुद को जिस तरह से पेश कर रहे थे, उससे भरोसा कम हुआ और मंत्रियों ने इस्तीफे दिए।

दिल्ली से दूत बनकर आए प्रधान ने बेंगलुरू पहुंचने के तुरंत बाद राज्य भाजपा अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा से मुलाकात की। ईश्वरप्पा ने कहा "इस्तीफे स्वीकार किए जाने का कोई सवाल ही नहीं है।"

इसके बाद उन्होंने नौ मंत्रियों व येदियुरप्पा के वफादार विधायकों से मुलाकात की। वह शनिवार शाम तक गौड़ा व उनके समर्थकों से बात करेंगे। वह राज्य में अलग-अलग गुटों में बंटी पार्टी को फिर से एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।

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उधर, ईश्वरप्पा ने गौड़ा को हटाने व ग्रामीण विकास मंत्री जगदीश शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने से इनकार कर दिया है।