शाहनवाज हुसैन की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
एनडीए सरकार के पहले एक साल को ‘साम्प्रदायिक सौहार्द का साल’ बताते हुए बीजेपी ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी का नाम लेकर अल्पसंख्यकों को डराने वाले आज मुंह छिपाए घूम रहे हैं।
पार्टी ने साथ ही स्वीकार किया कि उसके कुछ लोगों ने आपत्तिजनक बयान दिए हैं लेकिन वे अधिकृत बयान नहीं थे। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा दुष्प्रचार करने वाली ब्रिगेड को मोदी सरकार ने अपने एक साल के काम के जरिए करारा जवाब दिया है। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि यह एक साल साम्प्रदायिक सौहार्द का साल रहा है।’
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार करने वाली इस ब्रिगेड ने अल्पसंख्यकों को कितना डराया था कि नरेन्द्र मोदी अगर प्रधानमंत्री बने तो अल्पसंख्यकों के साथ क्या होगा।
पार्टी प्रवक्ता ने हालांकि पार्टी के कुछ लोगों द्वारा आपत्तिजनक बयान देने को स्वीकार करते हुए कहा, ‘यह सही है कि कुछ बयान आए हैं, जो हमारे अधिकृत बयान नहीं थे। उन पर किसी को एतराज हुआ होगा। लेकिन सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे लोग कह सकें कि ये सरकार किसी के खिलाफ या पक्ष में काम करती है।’
सरकार की ओर से योग के प्रचार प्रसार पर कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा ऐतराज जताए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है और इसे किसी धर्म से जोड़ कर देखना सही नहीं है। इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देखना ठीक होगा। उन्होंने कहा कि जो धर्मगुरु ऐसा कह रहे हैं, वे अगर योग को धार्मिक नजरिए की बजाय सेहत के नजरिए से देखें तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा।
पार्टी ने साथ ही स्वीकार किया कि उसके कुछ लोगों ने आपत्तिजनक बयान दिए हैं लेकिन वे अधिकृत बयान नहीं थे। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा दुष्प्रचार करने वाली ब्रिगेड को मोदी सरकार ने अपने एक साल के काम के जरिए करारा जवाब दिया है। हम दावे के साथ कह सकते हैं कि यह एक साल साम्प्रदायिक सौहार्द का साल रहा है।’
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार करने वाली इस ब्रिगेड ने अल्पसंख्यकों को कितना डराया था कि नरेन्द्र मोदी अगर प्रधानमंत्री बने तो अल्पसंख्यकों के साथ क्या होगा।
पार्टी प्रवक्ता ने हालांकि पार्टी के कुछ लोगों द्वारा आपत्तिजनक बयान देने को स्वीकार करते हुए कहा, ‘यह सही है कि कुछ बयान आए हैं, जो हमारे अधिकृत बयान नहीं थे। उन पर किसी को एतराज हुआ होगा। लेकिन सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे लोग कह सकें कि ये सरकार किसी के खिलाफ या पक्ष में काम करती है।’
सरकार की ओर से योग के प्रचार प्रसार पर कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा ऐतराज जताए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया है और इसे किसी धर्म से जोड़ कर देखना सही नहीं है। इसे स्वास्थ्य से जोड़ कर देखना ठीक होगा। उन्होंने कहा कि जो धर्मगुरु ऐसा कह रहे हैं, वे अगर योग को धार्मिक नजरिए की बजाय सेहत के नजरिए से देखें तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा।
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