New Delhi:
भाजपा ने मंगलवार को कहा कि पामोलिन आयात घोटाले के आरोपी पीसी थॉमस को प्रधानमंत्री ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्ति किया, लेकिन अब वह मनमोहन सिंह के गले में अजगर की तरह लिपटे हुए हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने का काम सीबीआई करती है। सीबीआई के प्रमुख की नियुक्ति सीवीसी करते हैं, लेकिन जब सीवीसी के प्रमुख की नियुक्ति की जा रही थी, तो सुषमा स्वराज ने थॉमस के एक नाम पर आपत्ति उठाई थी, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे। भाजपा के जनजागरण अभियान के तहत एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, सरकार ने विपक्ष की आपत्ति के बावजूद थॉमस को ही सीवीसी बनाया। निश्चित तौर पर यह काम राजा या क्वात्रोच्ची ने नहीं किया, बल्कि मनमोहन सिंह ने किया। जेटली ने कहा, आज यह स्थिति है कि वर्तमान सीवीसी प्रधानमंत्री के गले में अजगर की तरह लिपटे हुए हैं। प्रधानमंत्री के बारे लोग कहते हैं कि वह अर्थशास्त्री हैं और ईमानदार हैं। लेकिन मनमोहन सिंह विचित्र प्रकार के ईमानदार व्यक्ति हैं, जो आजादी के बाद देश की सबसे भ्रष्ट सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई को यह नहीं मालूम है कि रुचिका और आरुषि के साथ क्या हुआ। लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए किस प्रकार से किसी सरकारी एजेंसी का इस्तेमाल किया जाता है, सीबीआई इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के पामोलिन तेल घोटाला मामले में आगे की सुनवाई के लिए केरल सरकार को अनुमति दे दी। इस मामले में थॉमस और तत्कालीन मुख्यमंत्री के करुणाकरन कथित तौर पर लिप्त बताए जाते हैं।
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