शिवसेना कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले का मामले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक नितेश राणे ( Nitesh Rane) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे है. उन्होंने इस मामले को लेकर अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका रद्द करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार है. सीजेआई रमना ने कहा कि 27 जनवरी को इस मामले में सुनवाई करेंगे.
राणे की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया गया है. अंतरिम संरक्षण दो दिन ही बचा है. इससे पहले 17 जनवरी को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और महाराष्ट्र में बीजेपी विधायक नितेश राणे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था , हालांकि हाईकोर्ट ने नितेश राणे की गिरफ्तारी पर 27 जनवरी तक रोक लगा दी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें.
नितेश राणे पर शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमले में शामिल होने का आरोप है. इस मामले में केस सिंधुदुर्ग में दर्ज हुआ है. वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले में दूसरे आरोपी मनीष दलवी को अग्रिम जमानत दी. इससे पहले 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि हत्या के प्रयास के मामले में विधायक नितेश राणे की संलिप्तता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.
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पुलिस ने ये भी कहा था कि यह मामला किसी उपहास की घटना के कारण दर्ज नहीं किया गया है. सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली पुलिस ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त करने का अदालत से अनुरोध किया था. नितेश राणे ने पिछले महीने पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी. यह मामला सिंधु दुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है. राणे की याचिका का विरोध करते हुए कंकावली पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा था कि यह कहना गलत है कि याचिकाकर्ता को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है.
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