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This Article is From Dec 13, 2020

असम: BTC चुनाव में त्रिशंकु परिणाम, लेकिन बीजेपी को बड़ा फायदा

साल 2003 के फरवरी महीने में पश्चिम असम के चार जिलों को शामिल कर संविधान की छठी अनुसूची के तहत बीटीसी का गठन किया गया था.

असम: BTC चुनाव में त्रिशंकु परिणाम, लेकिन बीजेपी को बड़ा फायदा
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद की 40 सीटों पर 7 और 10 दिसंबर को चुनाव हुए थे.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनाव परिणाम रहे त्रिशंकु
17 सीटों के साथ सत्ताधारी बीपीएफ सबसे बड़ी पार्टी
बीजेपी को 2015 के मुकाबले चार सीटों का फायदा, UPPL किंगमेकर?
गुवाहाटी:

असम (Assam) के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद ( Bodoland Territorial Council- BTC) चुनावों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है. शनिवार को आए चुनाव परिणाम खंडित जनादेश लेकर आए हैं. इन चुनावों को अगले साल होने वाले असम विधान सभा चुनाव (Assam Assembly Election 2021) का सेमीफाइनल माना जा रहा था. हालाँकि, राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा (BJP) ने 2015 में जीती गई एक सीट की तुलना में इस बार नौ सीटों पर जीत दर्ज कर बड़ी बढ़त बनाई है.

बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में कुल 46 सीटें हैं. इनमें से छह नामांकित होते हैं, जबकि 40 पर चुनाव होता है. इन 40 सीटों पर 7 और 10 दिसंबर को चुनाव हुए थे. इस साल की शुरुआत यानी फरवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह पहला चुनाव था.

पिछले 17 साल से बीटीसी पर शासन करने वाली बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) बहुमत के लिए जरूरी 21 सीटें जीतने में नाकाम रही है. उसे सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली है. 2015 में उसे 20 सीटें मिली थीं, जो इस बार तीन कम हैं. आतंकवादी से  राजनेता बने हाग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाला संगठन इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा है.

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पिछले चुनाव में बीपीएफ और बीजेपी के बीच गठबंधन था. इस बार बीजेपी ने केवल एकला चलो की नीति अपनाई बल्कि पूर्व सहयोगी बीपीएफ को कड़ी टक्कर भी दी. इससे पहले, असम बीजेपी ने संकेत दिया था कि वह बीपीएफ के साथ 2021 के असम चुनावों में गठबंधन जारी रखना पसंद नहीं करेगी, जो केवल छह महीने दूर है.

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कट्टरपंथी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) 12 सीटों के साथ इस चुनाव में संभावित किंगमेकर के रूप में उभरी है. इसका नेतृत्व छात्र-नेता से नेता बने प्रमोद बोरो ने किया है, जो बोडो शांति समझौते के प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता हैं. इस बीच, विपक्षी कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के गठबंधन ने इस बार खराब प्रदर्शन किया है. उसे सिर्फ एक सीट मिली है. 

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