खास बातें
- सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल के माध्यम से यह आरोप लगाया गया है कि भाजपा के दो सांसद गुजरात के भाजपा नेता और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल के माध्यम से यह आरोप लगाया गया है कि भाजपा के दो सांसद गुजरात के भाजपा नेता और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सोहराबुद्दीन, उसकी बीवी और तुलसीराम प्रजापति के कथित फर्जी एनकाउंटर के मामले में दायर इस पीआईएल में यह दावा किया गया है कि दोनों सांसदों के खिलाफ इस आपराधिक साजिश के सबूत मौजूद हैं। इस मामले में कोर्ट को यह तय करना बाकी है कि इस पीआईएल को स्वीकार करे या न करे।
2005 में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी को एक बस से उतारकर पुलिस ले गई थी और उसके बाद दोनों के एनकाउंटर की खबर आई। इस एनकाउंटर के एकमात्र गवाह तुलसीराम प्रजापति की भी हत्या कुछ दिनों बाद कर दी गई।
गौरतलब है कि इस मामले में गिरफ्तार हो चुके अमित शाह फिलहाल जमानत पर रिहा है। गुजरात हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी जमानत पर मुहर लगा दी है।
वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल द्वारा दायर यह पीआईएस एक स्वतंत्र पत्रकार पुष्प कुमार शर्मा द्वारा किए गए कथित स्टिंग ऑपरेशन पर आधारित है। इस स्टिंग ऑपरेशन, जिसे एनडीटीवी सत्यापित नहीं करता है, में भाजपा सांसद प्रकाश जावडेकर और भूपेंद्र यादव के बीच बातचीत को आधार बनाया गया है। इस बातचीत में दोनों नेता तुलसीराम प्रजापति की मां से वकालतनामा हासिल करने की बात कर रहे हैं। इसके बाद ये लोग अपने पसंद का वकील इस मामले में पैरवी के लिए नियुक्त करवाते।
एनडीटीवी के पास इस स्टिंग ऑपरेशन की एक कॉपी उपलब्ध है, लेकिन जब तक आरोपी नेता अपने ऊपर लगे आरोपों पर जवाब नहीं देते तब तक यह प्रसारित नहीं किया जाएगा।