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This Article is From Mar 16, 2021

केजरीवाल के सुशासन मॉडल से घबरा गई BJP, इसीलिए ताकत छीनी जा रही: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि GNCTD बिल कहता है कि दिल्ली में सरकार उपराज्यपाल होंगे.जब तक एलजी के पास से फाइल होकर नहीं आएगी तब तक हम कुछ नहीं कर सकते.

केजरीवाल के सुशासन मॉडल से घबरा गई BJP, इसीलिए ताकत छीनी जा रही: मनीष सिसोदिया
GNCTD Act में बदलाव के लिए नया बिल लेकर आई है केंद्र सरकार
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए GNCTD संशोधन बिल पर दिल्ली सरकार का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने NDTV से कहा कि BJP  केजरीवाल के सुशासन मॉडल से घबरा गई है. इसलिए दिल्ली की निर्वाचित सरकार (Delhi Government) के अधिकार छीनने का यह बिल ला रही है. लेकिन इस मुद्दे के लिए सियासत, सड़क पर संघर्ष से लेकर अदालत जाने तक के सारे विकल्प आजमाए जाएंगे.

बिल में दो आपत्तिजनक बातें- सिसोदिया
दिल्ली के वित्त मंत्री सिसोदिया ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में दो बातें बहुत आपत्तिजनक हैं. पहला, यह बिल कहता है दिल्ली में सरकार उपराज्यपाल होंगे. जो भी कानून बनेगा उसमें सरकार उपराज्यपाल को लिखा जाएगा. हर फाइल जो भी मंत्रिमंडल, मंत्री या मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे, जैसे मान लीजिए मोहल्ला क्लीनिक बनाना है तो वह फाइल उपराज्यपाल को भेजी जाएगी. अगर सीसीटीवी कैमरा लगाना है महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ़्त करनी है तो यह तो बीजेपी के एलजी साहब हैं

हर फैसले के लिए एलजी के पास जाना होगा
बीजेपी की तो नीतियों में ही यह चीज नहीं है तो फिर वह इसका विरोध करेंगे और मना करेंगे. बेशक बिल में यह कहीं नहीं लिखा कि उपराज्यपाल की सलाह मानना जरूरी होगा लेकिन हर फाइल उनके पास जाएगी और जैसे पहले 6 महीने तक वह लेकर बैठे रहते थे आगे भी लेकर बैठे रहेंगे. तब ऐसे हालात में हम को धरने पर बैठना पड़ा कि आखिर ऐसे फाइल कितने समय तक क्यों लेकर बैठे हो. हम को कोर्ट में भी जाना पड़ा.सिसोदिया ने कहा कि कुल मिलाकर हम कोई भी फैसला लें, लेकिन बिना एलजी की मंजूरी के हम फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं होंगे .

दिल्ली के मॉडल की हर राज्य में चर्चा
जब तक एलजी के पास से फाइल होकर नहीं आएगी तब तक हम कुछ नहीं कर सकते. दिल्ली के डिप्टी सीएम का कहना है कि मान लीजिए शिक्षा बोर्ड बनाना है या बिजली के बिल शून्य करने हैं तो उस फाइल को अभी सत्येंद्र जैन साइन कर देते थे और फैसला हो जाता था लेकिन अगली बार वह फ़ाइल एलजी के पास जाएगी. हर फाइल को एलजी के पास भेजने की बीजेपी की जो भूख है वह यही दिखाती है कि अरविंद केजरीवाल जी का चारों तरफ नाम हो रहा है, दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है गुजरात में माहौल बनने लगा कि केजरीवाल का सुशासन मॉडल बहुत शानदार है. गुजरात के लोग प्रभावित हैं. उत्तराखंड के लोग प्रभावित हो रहे हैं पंजाब, गोवा और हिमाचल में गांव-गांव में यह बात पहुंच रही है.

अभी तीन विषयों को छोड़कर सारे फैसले लेने का हक
सिसोदिया ने कहा कि ये लोग इस बात से घबरा गए और केजरीवाल के सुशासन मॉडल को रोकने में जुट गए हैं. अब सारी फाइलें एलजी के यहां अटका करेंगी. एलजी के पास फाइल भेजने का मतलब है हर फैसले में देरी करो. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि चुनी हुए सरकार के पास तीन विषयों को छोड़कर सभी से से लेने का हक है तब हमने फैसले लेने शुरू किए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले हमने सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी की फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी तो उन्होंने कहा यह बहुत बेकार आइडिया है और इससे सड़कों पर भीड़ बढ़ेगी.

पुराने सिस्टम को लाने की तैयारी
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया हमने इसको लागू करवाया. आप फिर से वही सिस्टम शुरू हो जाएगा कि सारी फाइल उप राज्यपाल के पास भेजी जाएंगी. जिसको जनता चुन रही है उसको फैसले लेने की ताकत होनी चाहिए या फिर पावर किसी और के पास होगी और जनता किसी और को चुनेगी? अगर ऐसे ही होगा तो जनता को सरकार चुनने को क्यों कहा जा रहा है? उप मुख्यमंत्री बोले कि इस मामले का समाधान राजनीति से भी निकलेगा, सड़कों से भी निकलेगा और हो सकता है कि कुछ कोर्ट से भी निकले

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