नई दिल्ली:
बीजेपी के नेता केंद्र सरकार की नई योजना सब्सिडी के बदले कैश की शिकायत करने चुनाव आयोग पहुंचे हैं।
दरअसल, बीजेपी को इस बात पर ऐतराज है कि जब गुजरात में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो ऐसे में इस तरह के फैसलों का असर वोटरों पर पड़ सकता है।
1 जनवरी से जिन 51 ज़िलों में सरकार इस योजना को लागू करना चाहती उनमें 4 ज़िले− मेहसाना वालसाड आनंद और भावनगर शामिल हैं।
उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है कि इस नई योजना से राशन सिस्टम पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन बीजेपी के विरोध का केंद्र सरकार पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है, उल्टे प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों को इस बात के आदेश जारी किए हैं कि वे अपनी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान कर उनके आधार कार्ड का जानकारी इकट्ठा करना शुरू करें ताकि 1 जनवरी से 51 ज़िलों में सब्सिडी के बदले कैश योजना लागू की जा सके।
दरअसल, बीजेपी को इस बात पर ऐतराज है कि जब गुजरात में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो ऐसे में इस तरह के फैसलों का असर वोटरों पर पड़ सकता है।
1 जनवरी से जिन 51 ज़िलों में सरकार इस योजना को लागू करना चाहती उनमें 4 ज़िले− मेहसाना वालसाड आनंद और भावनगर शामिल हैं।
उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है कि इस नई योजना से राशन सिस्टम पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन बीजेपी के विरोध का केंद्र सरकार पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है, उल्टे प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों को इस बात के आदेश जारी किए हैं कि वे अपनी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान कर उनके आधार कार्ड का जानकारी इकट्ठा करना शुरू करें ताकि 1 जनवरी से 51 ज़िलों में सब्सिडी के बदले कैश योजना लागू की जा सके।
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