'मेरे पास आम आदमी पार्टी के झूठ सबूत के साथ मौजूद हैं, जिनको आने वाले समय में एक एक करके हम सामने लाएंगे'
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को इन्हीं 309 झूठों में से दो 'झूठ' अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताए।
सतीश उपाध्याय ने एक आरटीआई का हवाला देकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के इस दावे को झूठ बताया कि उनके मुख्यमंत्री रहते व्यापारियों पर एक भी छापा नहीं पड़ा।
सतीश उपाध्याय ने कहा, दिल्ली में केजरीवाल के सीएम रहते 151 छापे पड़े। जनवरी में ये छापे कम थे, लेकिन फरवरी में तो ये और भी बढ़ गए। हमने हिसाब लगाया है कि दिल्ली में उस समय हर दो घंटे में एक छापा व्यापारियों पर पड़ा। आईटीआई से यह बात सामने आई है।'
वहीं आम आदमी पार्टी सरकार में राजस्व मंत्री रहे और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये 151 छापे असल में वैट डिपार्टमेंट के छापे नहीं, बल्कि पेट्रोल पंप वगैरह पर होने वाली सैंपलिंग के आंकड़े हैं। मैं इस बात पर अक्षरश: कायम हूं कि हमारी सरकार के दौरान व्यापारियों पर वैट डिपार्टमेंट की एक भी रेड नहीं हुई।'
सतीश उपाध्याय आरटीआई के हवाले से एक और आरोप लगाया है। उपाध्याय बोले कि केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार के दौरान वैट का कलैक्शन 5,666 करोड़ रुपये था जो कि अब तक का रिकॉर्ड है।
उपाध्याय बोले कि 5,666 करोड़ रुपये का जनवरी से मार्च तिमाही का कलैक्शन हुआ है, लेकिन केजरीवाल तो 14 फरवरी को सरकार छोड़कर चले गए थे। इसलिए उनकी सरकार रहते तो करीब 2,000 करोड़ रुपये ही 15 फरवरी तक वैट कलैक्शन हुआ, जब सरकार ही 49 दिन चली तो वह कैसे तीन महीने के आंकड़े अपने बता रहे हैं।
हालांकि इस पर आप नेता मनीष सिसोदिया का कहना है कि किसी कंपनी या किसी सरकार ने कितना कमाया या कितना टैक्स जमा किया ये खाते तिमाही आधार पर ही बनते हैं, इसलिए हम यह ही कह रहे हैं कि जब उनकी सरकार थी उन तीन महीनों में सरकार को इतना रिकॉर्ड वैट कलैक्शन हुआ।
दरअसल इन दोनों मामलों का वास्ता व्यापारियों के वोटों से है। दिल्ली के क़रीब 20 लाख व्यापारी हैं जो परंपरागत ढंग से बीजेपी समर्थक माने जाते हैं। पिछली बार इनके बीच आप ने भी सेंधमारी की थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में ये वोट बीजेपी में लौट आए।
इस बार इनको अपने पाले में लाने के लिए केजरीवाल अलग से फोकस करके उनके लिए लुभावने चुनावी वायदे कर रहे हैं जैसे कि अगर सरकार बनी तो किसी व्यापारी पर कोई छापा नहीं डालेंगे, वैट को सरल तो बनाएंगे ही साथ ही वैट का रेट भी घटाएंगे।
ऐसे में कहीं ये वोटबैंक खिसक गया तो बीजेपी के लिए सत्ता की कुर्सी दूर हो सकती है, इसलिए दोनों दलों में इन्हीं वोटों की खींचतान जारी है।
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