यह ख़बर 02 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भुल्लर मामले में अकाली दल से सहमत नहीं है भाजपा

खास बातें

  • नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा का रुख साफ है। पार्टी अपने घटक दल अकाली दल की मांग से सहमत नहीं है।
लखनऊ:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि उनकी पार्टी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादी देविन्दर पाल सिंह भुल्लर की मौत की सजा को उम्रकैद में बदले जाने की पंजाब के सत्ताधारी अकाली दल की मांग से सहमत नहीं है। लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा का रुख साफ है। पार्टी अपने घटक दल अकाली दल की मांग से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विभिन्न मामलों में भेद नहीं किया जा सकता। कानून के जरिए भुल्लर को जो सजा मिली है उसका पालन होना चाहिए। नकवी ने कहा कि हम अफजल गुरु को फांसी देने के पक्ष में हैं और भुल्लर को फांसी देने के मामले में भी हमारा यही रुख है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव के चार जून से शुरू होने जा रहे अनशन के प्रति भाजपा के समर्थन के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा, "जो भी लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं हम उनके साथ हैं। भाजपा बिना किसी राजनीतिक लाभ की मंशा के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वालों का समर्थन करेगी।" कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस पार्टी की तरह नहीं हैं जो एक ओर बाबा रामदेव को दिल्ली हवाई अड्डे पर मंत्रियों से फूलों की माला पहनवाती है और दूसरी ओर संतरियों से हमला करवाती है।" उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा की सोच कांग्रेस की तरह दोतरफा नहीं बल्कि स्पष्ट और साफ है। अन्ना हजारे व लोकपाल का मसौदा तैयार करने वाली समिति में सामाजिक संगठनों के अन्य प्रतिनिधियों की प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। यह बात सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेई ने प्रधानमंत्री रहते हुए कही थी। इसिलए इस सम्बंध में भाजपा का रुख पहले से ही साफ है।" नकवी ने कहा कि एक सशक्त लोकपाल विधेयक बनना चाहिए। इस पर कांग्रेसनीत केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर बिना ढुलमुल रवैया अपनाए सकारात्मक रुख अपनाए। अन्ना हजारे और उनकी टीम पर केंद्र के मंत्रियों और नेताओं द्वारा किए गए हमलों पर भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छाशक्ति ईमानदार नहीं है, तभी उसने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि उसके मंत्री पाक-साफ और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले गलत हैं।


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