अंग्रेजों की गोलियों के सामने तीर-कमान से लड़ने वाले बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था. उनके जन्मदिन को देश भर में बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti) के रूप में मनाया जाता है. यही नहीं 15 नवंबर को ही झारखंड का स्थापना दिवस (Jharkhand Foundation Day) भी होता है. आपको बता दें कि साल 2000 में बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर ही झारखंड को पृथक राज्य का दर्जा मिला था. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने 'धरती आबा' के नाम से मशहूर क्रांतिकारी नेता बिरसा मुंडा को विनम्र श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, "झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई. मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे."
झारखंड की जनता को राज्य के स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2019
मेरी कामना है कि झारखंड प्रगति की नित नई ऊंचाइयों को छुए और भगवान बिरसा मुंडा के समृद्ध, सशक्त और खुशहाल राज्य के सपने को साकार करे। pic.twitter.com/vgHYulrZou
राष्ट्रपति रामनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा, "जोहार झारखंड! स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड की जनता को बधाई और शुभकामनाएं. झारखंड, प्रभूत प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्कृति वाला राज्य है, जिस पर हम सभी को गर्व है. मेरी कामना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड प्रगति की नई ऊंचाइयां प्राप्त करें."
जोहार झारखंड!
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 15, 2019
स्थापना दिवस के अवसर पर झारखंड की जनता को बधाई और शुभकामनाएं।
झारखंड, प्रभूत प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध संस्कृति वाला राज्य है, जिस पर हम सभी को गर्व है।
मेरी कामना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से झारखंड प्रगति की नई ऊंचाइयां प्राप्त करें ।
उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू ने भी झारखंड स्थापना दिवस की बधाई देते हुए ट्वीट किया, "झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. यह प्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रांत है. आप सभी के सुखी और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं."
#झारखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। यह प्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रांत है। आप सभी के सुखी और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं।
— Vice President of India (@VPSecretariat) November 15, 2019
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी बिरसा मुंडा को याद करते हुए उनके जल, जंगल और आदिवासियों की पहचान के लिए ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष को याद किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए. आपने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन से जुड़े फ़ैसले आदिवासी लेंगे. आदिवासी महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा को उनकी जयंती पर शत शत नमन. #धरतीआबा_बिरसामुंडा."
जल, जंगल, जमीन और आदिवासी अस्मिता के लिए संघर्ष कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। आपने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन से जुड़े फ़ैसले आदिवासी लेंगे।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 15, 2019
आदिवासी महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुण्डा को उनकी जयंती पर शत शत नमन।#धरतीआबा_बिरसामुंडा pic.twitter.com/bxA94e47MK
बिरसा मुंडा की मौत महज 25 साल की उम्र में हो गई थी. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया. उन्होंने नारा दिया, "अबुआ राज छेत्र जाना, महारानी राज टुंडी जाना", जिसका मतलब है, चलो महारानी का राज खत्म करते हैं और अपना साम्राज्य स्थापित करते हैं. इस नारे ने ब्रिटिश राज की चूल्हें हिला दीं.
बिरसा मुंडा को 3 मार्च 1900 को उस वक्त ब्रिटिश सेना ने गिरफ्तार कर लिया जब वह अपनी गुरिल्ला आर्मी के साथ झारखंड के जंगल में सो रहे थे. 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई. अंग्रेजों का दावा था कि बिरसा मुंडा हैजे की वजह से मारे गए, जबकि कहा जाता है कि उनमें इस रोग के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए थे. बिरसा मुंडा के नाम पर ही उस जेल का नाम रखा गया है.
झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को भगवान का अवतार मानते हैं. लोगों का मानना था कि उनके छूने मात्र से ही कई गंभीर रोगों का नाश हो जाता हैं. हालांकि बिरसा मुंडा हमेशा ही अंधविश्वासों का खंडन करते थे और लोगों को हिंसा और मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह देते थे.
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