तेजस्वी यादव क्या इस बार बन पाएंगे मुख्यमंत्री?

Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चुनाव आयोग ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और माना जा रहा है कि अब जल्द ही तारीखों का ऐलान हो सकता है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कह दिया है कि कोरोन संक्रमण की वजह से चुनाव को नहीं टाला जा सकता है.

तेजस्वी यादव क्या इस बार बन पाएंगे मुख्यमंत्री?

Bihar Assembly Election 2020: तेजस्वी यादव विपक्ष के प्रमुख नेता हैं.

खास बातें

  • तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के चेहरा
  • आरजेडी की ओर से संभाल रहे हैं कमान
  • अभी निभा रहे हैं विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी
नई दिल्ली :

Bihar Chunav 2020: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चुनाव आयोग ने भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और माना जा रहा है कि अब जल्द ही तारीखों का ऐलान हो सकता है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कह दिया है कि कोरोन संक्रमण की वजह से चुनाव को नहीं टाला जा सकता है. हालांकि विपक्षी दलों का मानना है कि इस महामारी के बीच चुनाव कराना ठीक नहीं है. इसके पीछे विपक्षी दलों की अपनी भी कुछ चिंताए हैं. हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला है. एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही चेहरा घोषित हैं. लेकिन आरजेडी जहां तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को इस पद का दावेदार बता रही है. लेकिन महागठबंधन की ओर से अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा भी नहीं की गई है. एनडीए की तरह ही महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान है. इतना ही नहीं खुद आरजेडी में भी तेजस्वी से कई बड़े नेता अक्सर नाराज दिख जाते हैं. 

तेजस्वी यादव का अब तक का सफर
बात करें तेजस्वी यादव के अब तक राजनीतिक सफर के बारे में उन्होंने साल 2009 से शुरुआत की थी और साल 2015 के चुनाव में राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इस चुनाव में महागठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी शामिल थी. तेजस्वी यादव 91236 वोटें मिली थीं. उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी बीजेपी के सतीश कुमार को हराया था. सतीश कुमार को 68503 वोटें मिली थीं. इस चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उनको उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई. 

तेजस्वी यादव से अहम जुड़ी अहम बातें
बिहार की राजनीति के पुरोधा लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी एक समय क्रिकेटर बनना चाहते थे. वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेल चुके हैं. 9वीं तक पढ़े तेजस्वी को बाद में राजनीतिक का मैदान ज्यादा रास आया. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले तेजस्वी हालांकि अपने पिता लालू प्रसाद की तरह करिश्माई भाषण नहीं दे पाते हैं. यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है. उनके भाषणों में वह आकर्षण नहीं दिखता है जो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद याादव के भाषणों में दिखता है. तेजस्वी यादव के सामने एक और दिक्कत यह भी है कि वो स्थानीय मुद्दों पर नीतीश कुमार के खिलाफ माहौल बनाने अब तक नाकाम रहे हैं. बीते साल पटना में जल जमाव की समस्या हो या फिर इस साल कोरोना का संकट हो, उनका विरोध अभी तक सिर्फ ट्विटर तक ही सीमित रहा है. 

कई देशों की कर चुके हैं यात्रा
तेजस्वी यादव, पाकिस्तान, यूएई, स्कॉटलैंड, अमेरिका, इंग्लैड, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, फ्रांस, स्विटजरलैंड, थाईलैंड, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर की यात्रा कर चुके हैं. 

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इस चुनाव में तेजस्वी के सामने चुनौतियां
1- आरजेडी को बिखराव से रोके रखना
2- टिकट बंटवारे में पार्टी में न फूटे असंतोष के सुर
3- चुनाव प्रचार की पुख्ता डिजिटल रणनीति
4- प्रभावी भाषण शैली
5- महागठबंधन को मजबूत बनाना ताकि वोट प्रतिशत एनडीए से कम न हो
6-कोरोना संकट से उपजी बेरोजगारी को लेकर चुनाव में पुख्त रणनीति
7- चुनाव से ठीक पहले आई बाढ़ पर सरकार को घेरने की चुनौती