यह ख़बर 20 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बिहार मिड-डे मील हादसा : ऑर्गेनो फॉस्फोरस से गई थी 23 बच्चों की जान

खास बातें

  • बिहार के एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने कहा कि यह बताना अभी मुश्किल है कि किसी ने साजिश के तहत तेल में ऑर्गेनो फॉस्फोरस मिला दिया था या भूलवश ऐसा हो गया था।
छपरा / पटना:

बिहार के छपरा में एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में  भोजन के नमूने में ऑर्गेनो फॉस्फोरस नामक कीटनाशक होने की पुष्टि हुई है। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में यह बात की भी सामने आई कि बाजार में मिलने वाले ऑर्गेनो फॉस्फोरस के मुकाबले बच्चों के भोजन में पाया गया कीटनाशक पांच गुना ज्यादा जहरीला था।

बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) रवींद्र कुमार ने शनिवार को रिपोर्ट का हवाला देते हुए पत्रकारों को बताया कि खाने में मोनोप्रोटोफॉस आर्गेनिक फॉस्फोरस पाया गया है। उन्होंने बताया कि इसका प्रयोग खेतों में छिड़काव के लिए किया जाता है, जो इंसानों के लिए जानलेवा होता है। उन्होंने बताया कि खाने के बचे हुए अंश, खाना बनाने में इस्तेमाल किए गए तेल और बर्तनों में भी इसकी मात्रा पाई गई है। जांच के नमूनों का परीक्षण पटना के विधि विज्ञान प्रयोगशाला में किया गया।

रवींद्र ने बताया कि जांच के क्रम में यह बात भी सामने आई है कि खाना बनाने वाले तेल में पाया गया कीटनाशक शीर्ष बाजार मानक नमूनों की तुलना में पांच गुना अधिक जहरीला था। उन्होंने कहा कि यह बताना अभी मुश्किल है कि किसी ने साजिश के तहत तेल में ऑर्गेनो फॉस्फोरस मिला दिया था या भूलवश ऐसा हो गया था। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है, दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।

इससे पहले, राज्य के प्रधान सचिव ने भी खाने में तेल की जगह कीटनाशक डाल दिए जाने की बात बताई थी। उन्होंने रसोइए के बयान के हवाले से बताया था कि तेल को कड़ाही में डालने के बाद काला धुआं निकला था और उसका रंग भी अन्य तेल जैसा नहीं था।

मशरख प्रखंड के धरमसती-गंडामन स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को मिड-डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 25 बच्चों का पीएमसीएच में अभी भी इलाज चल रहा है।

सरकार की एक जांच रिपोर्ट में प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका मीना देवी को बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। घटना के बाद से मीना देवी फरार हैं।

सारण के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार ने कहा, "उनका कहीं कोई पता नहीं चल रहा है। प्रशासन ने उनको सामने लाने के लिए उनकी संपत्ति कुर्क कराने का फैसला लिया है।"

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घटना की जांच कर रहे जिले के अधिकारियों के मुताबिक, मीना देवी ने रसोइए द्वारा तेल से खराब गंध आने की शिकायत करने के बावजूद उसे 'जहरीले' तेल का इस्तेमाल करने के लिए दबाव डाला था।