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This Article is From Oct 11, 2017

बिहार के शिक्षा विभाग ने कश्मीर पर पूछा ऐसा सवाल, जिससे मच गया बवाल

. निश्चित रूप से यह गलत सवाल है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इसके लिए सवाल छापने वाले प्रिंटर को दोषी मानते हैं, हालांकि उनका कहना है कि यह एक बड़ी गलती है, जो नहीं होनी चाहिए. 

बिहार के शिक्षा विभाग ने कश्मीर पर पूछा ऐसा सवाल, जिससे मच गया बवाल
कश्मीर को लेकर पूछा गया ऐसा सवाल
  • शिक्षा विभाग ने प्रिंटर के माथे फोड़ा ठीकरा
  • यह भी कहा कि ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए थी
  • पहले भी पटना हाईकोर्ट शिक्षा व्यवस्था को लेकर उठा चुका है कई सवाल
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पटना: सुनने में अजीब लगे, लेकिन बिहार के शिक्षा विभाग ने कश्मीर को अलग ही मान्यता दे दी है. कम से कम उनके द्वारा पूछे गए सवाल में तो यही लिखा है. यह सवाल सातवीं क्लास की छमाही परीक्षा में अंग्रेज़ी विषय में पूछा गया है. सवाल है कि जब चीन के लोगों को चायनीज़ कहा जाता है तब नेपाल के लोग को क्या कहा जाता है. फिर इंग्लैंड   के लोगों को क्या कहा जाता है. उसके बाद कश्मीर के लोगों के बारे में पूछा गया और अंत में भारत के लोगों के बारे में पूछा गया है कि उन्हें क्या कहा जाता है?

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यह परीक्षा केन्द्र के सर्व शिक्षा अभियान के तहत बिहार शिक्षा परिषद आयोजित करती है. निश्चित रूप से यह गलत सवाल है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इसके लिए सवाल छापने वाले प्रिंटर को दोषी मानते हैं, हालांकि उनका कहना है कि यह एक बड़ी गलती है, जो नहीं होनी चाहिए. 

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बिहार में भाजपा खुद सत्ता में है इसलिए पूरा मामला राजनीतिक तूल शायद नहीं पकड़े, लेकिन दबी जुबान से अधिकारी भी मानते हैं कि यह सवाल सेट करने वालों की गलती है. फिलहाल इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है. इससे पहले राज्य सरकार को कई बार पटना होईकोर्ट से फटकार भी लग चुकी है, लेकिन कुछ चीजें शायद कभी नहीं बदलतीं.

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