यह ख़बर 13 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बिहार के सीएम मांझी के भ्रष्टाचार बढ़ने के बयान के बाद राजनीति गर्म

फाइल फोटो

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा पिछली सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ने से संबंधित बयान देने पर जहां मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बाछें खिल गई हैं, वहीं पिछली सरकार के मुखिया रहे नीतीश कुमार ने भी सोशल साइट पर पांच वर्ष पुराने अपने भाषण को पोस्ट कर सफाई देने की कोशिश की है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री मांझी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि बिहार में भ्रष्टाचार है। उन्हें भी जब वे (मांझी) मंत्री थे तब बिजली बिल कम करवाने के लिए  रिश्वत देनी पड़ी, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) में गठबंधन हो गया है जो दो भ्रष्टाचारियों का बंधन है।

इधर, भाजपा की प्रवक्ता और विधायक ऊषा विद्यार्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार की बात स्वीकार कर रहे हैं तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री खुद रिश्वत की बात स्वीकार रहे हों तो समझा जा सकता है कि नीतीश की सरकार में जनता का एक भी काम नहीं हो रहा है।

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इधर, नीतीश ने भी फेसबुक पर अपने पांच वर्ष पूर्व दिए गए भाषण पोस्ट किए हैं। उन्होंने 15 अगस्त 2009 के अपने भाषण को पोस्ट किया है जिसमें कहा गया है "बिहार में कानून का राज कायम है। परंतु समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो रही हैं। हम किसी भ्रष्टाचारी को नहीं बख्शेंगे, चाहे बड़ा से बड़ा अफसर क्यों न हो। साथ ही बिहार की जनता से खासकर नौजवानों से अपील करेंगे कि अपने स्तर पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ  खड़े हों।"
 
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मांझी ने स्वीकार किया है कि पिछले शासन में राज्य में विकास तो हुआ, परंतु भ्रष्टाचार बढ़ गया। उन्होंने कहा, "मैंने मंत्री रहते हुए रिश्वत दी। रिश्वत नहीं देता तो बिजली कनेक्शन कट जाता। नीतीश के नेतृत्व में बिहार का विकास हुआ परंतु भ्रष्टाचार बढ़ गया है।"