बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे को टिकट नही मिलने पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि शायद उनके सवालों से बीजेपी डर गई होगी, इसीलिए उनका टिकट कट गया. मीडिया से बात करते हुए देशमुख ने कहा, "हमने बीजेपी नेताओं से सवाल किया था कि क्या वो गुप्तेश्वर पांडे का प्रचार करने जाएंगे ? शायद उसी सवाल के डर से टिकट नही मिला होगा." हालांकि, उन्होंने कहा कि किसको टिकट देना है और किसको नहीं ये उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है.
Giving an election ticket to Gupteshwar Pandey (former Bihar DGP) is a matter of the party. We had asked whether BJP leaders will campaign for him. It was maybe due to fear of this question that he was not given a ticket: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh pic.twitter.com/i011I9qTGk
— ANI (@ANI) October 8, 2020
गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार चुनाव लड़ने के लिए ही समय से पहले रिटायरमेंट लिया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए थे. पांडे बक्सर या उससे सटे ब्रह्मपुर से टिकट चाहते थे लेकिन ये दोनों सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. हालांकि, गठबंधन दलों के बीच ऐसा होता रहा है कि दूसरे दल के नेता सहयोगी दलों के सिंबल पर चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पांडे के साथ ऐसा नहीं हुआ.
बिहार चुनाव: पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को न तो जेडीयू ने, न ही बीजेपी ने टिकट दिया
माना जाता है कि बीजेपी के दो बड़े नेता सुशील कुमार मोदी और बक्सर से स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पांडे को टिकट देने के खिलाफ थे. ऐसे में उनका पत्ता साफ हो गया. इससे पहले भी साल 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए गुप्तेशवर पांडे ने वीआरएस लिया था, उस वक्त भी उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था. बाद में उन्होंने वीआरएस का आवेदन वापस ले लिया था.
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