बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (EX DGP) गुप्तेश्वर पांडेय को विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) लड़ने के लिए जेडीयू, भाजपा या किसी अन्य सहयोगी पार्टी से टिकट नहीं मिला. अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुछ सिपहसालारों के कारण पूर्व डीजीपी की चुनाव लड़ने की ख्वाहिश अधूरी रह गई.
जानकारो की मानें तो सीटों की संख्या और आदान-प्रदान पर बात कर रहे जदयू के दो वरिष्ठ नेता ललन सिंह और आर सीपी सिंह ने कभी भी गुप्तेश्वर पांडेय की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लिया. इसी का परिणाम है कि उनका चुनाव लड़ने की इच्छा धरी की धरी रह गई. पांडेय बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में वह दावेदारी जता रहे थे. हालांकि भाजपा ने यहां से अपने एक पुराने नेता परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दिया है.
सदस्य न होने पर भी टिकट को लेकर उठे थे सवाल
भाजपा नेताओं की मानें तो गुप्तेश्वर उनकी पार्टी के सदस्य नहीं थे. ऐसे में टिकट कैसे दिया जा सकता था. हालांकि बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व ने उनके नाम पर विचार किया था, लेकिन जदयू के द्वारा बहुत ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई गई, नहीं तो हाल के दिनों में जितने दूसरे दल के लोगों को शामिल कराया गया, कमोवेश सबको नीतीश ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतारा है.
मुझे किसी ने ठगा नहीं –पूर्व डीजीपी
उम्मीदवार की घोषणा के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि किसी ने उन्होंने ठगा नहीं है. पूर्व डीजीपी ने माना कि वह चुनावी राजनीति में आना चाहते थे लेकिन सब कुछ उनके अनुसार हो ये संभव नहीं है. इसको लेकर उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखा. पांडेय ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में काफी आक्रामक रुख अपनाया था और मामले में सीबीआई जांच के कोर्ट के निर्देश के बाद उन्हें प्रशंसा भी मिली थी.
बोले- शुभचिंतक मुझे फोन न करें
गुप्तेश्वर पांडेय ने Facebook पोस्ट में लिखा, अपने अनेक शुभचिंतकों के फ़ोन से परेशान हूं. मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं. मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है. मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूँगा. कृपया धीरज रखें और मुझे फ़ोन नहीं करे. बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है. अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मज़हब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें!
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