- बिहार के DGP रह चुके हैं गुप्तेश्वर पांडे
- गुप्तेश्वर पांडे ने पुलिस सेवा से लिया VRS
- विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं पूर्व DGP
बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (Bihar Ex DGP) गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) ने बुधवार को घोषणा की कि अगर मौका मिला तो वह चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वह राजनीति को लोगों की सेवा करने का सबसे बड़ा मंच मानते हैं. पांडे ने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लिया था. पांडे ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से VRS ले लिया. मंगलवार की देर शाम राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार VRS के लिए उनके अनुरोध को राज्यपाल फागू चौहान ने मंजूरी दे दी थी.
सोशल मीडिया पर "मेरी कहानी मेरी जुबानी" शीर्षक के तहत लोगों के साथ संवाद करते हुए गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, 'अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता है और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला—बढ़ा हूं.' उन्होंने कहा, 'राजनीति में आने का अब मेरा मन हो गया है. अब स्थिति ऐसी बन गई है कि मुझे लगता है कि अब इसमें आ जाना चाहिए.'
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गुप्तेश्वर ने कहा, 'राजनीति में मेरे आने से इतनी परेशानी क्यों हो रही है और इसे सुशांत सिंह राजपूत के मामले से लोग क्यों जोड़ रहे हैं. मैंने उस मामले में जो भी किया, कानूनी हैसियत और राज्य के पुलिस महानिदेशक की हैसियत से किया. जो इस पद आसीन रहने वाले को बिहार के स्वाभिमान के लिए करना चाहिए. हमारी लड़ाई किसी मराठी या महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति से नहीं है क्योंकि हमें बहुत से मराठी भाइयों ने फोन करके कहा कि आपको सुशांत को न्याय दिलाने के लिए लड़ना चाहिए. इस मामले में लड़ाई मुठ्ठी भर उन लोगों से है, जिनके निहित स्वार्थ हैं और ऐसे ही लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश करते हैं तथा सुशांत मामले से मेरे VRS को जोड़ने की कोशिश करते हैं.'
गुप्तेश्वर पांडे ने 34 वर्षों की अपनी पुलिस सेवा को बेदाग बताते हुए कहा कि कुछ लोगों और मीडिया ने ऐसा माहौल बनाना शुरू कर दिया, जहां मुझे लगा कि मेरा करियर अब बेदाग नहीं रहेगा. उन्होंने कहा, 'हर कोई पूछ रहा था कि क्या मैं चुनाव लड़ूंगा. हालांकि मैं अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं. मैं सिर्फ ये पूछना चाहता हूं कि क्या चुनाव लड़ना पाप है. क्या मैं VRS लेने के बाद चुनाव लड़ने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. क्या ऐसा करना (चुनाव लड़ना) असंवैधानिक, गैरकानूनी या अनैतिक है.'
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उन्होंने कहा, 'यदि हत्या, अपहरण या 50 से अधिक मामलों का सामना करने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है, तो मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता. अगर मैं चुनाव लड़ने का फैसला करता हूं, तो क्या मैं कोई अपराध करूंगा. क्या गरीब किसान का बेटा 34 साल की पुलिस सेवा के बेदाग रिकॉर्ड के साथ चुनाव नहीं लड़ सकता है.' पूर्व पुलिस प्रमुख ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वह आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव. पांडे ने कहा कि वह पैसा कमाने या नाम कमाने और प्रसिद्धि के लिए राजनीति में शामिल नहीं होंगे बल्कि वह ऐसा लोगों की सेवा करने के लिए करेंगे.
VIDEO: लोगों की सेवा करने का बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है राजनीति : गुप्तेश्वर पांडे
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं