फाइल फोटो
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीजेपी के सहयोगी दलों की एक बड़ी बैठक सोमवार शाम को दिल्ली में होने जा रही है. यूपी में विशाल जीत के बाद बीजेपी पूरे देश में अपनी बढ़ी ताकत का प्रदर्शन भी इस बैठक के ज़रिए करेगी. सोमवार की बैठक में देश भर के 32 राजनीतिक दल शामिल होंगे. इनमें कुछ ऐसे दल भी हैं जो चाहे एनडीए में शामिल न हों, मगर बीजेपी के साथ सत्ता में या तो हिस्सेदार हैं या फिर उन्होंने मिल कर चुनाव लड़ा है. बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ मंत्री तथा पार्टी पदाधिकारी शामिल होंगे. बीजेपी सूत्रों के अनुसार बैठक में आने वाले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों पर भी चर्चा हो सकती है जिसके लिए बीजेपी साझा रणनीति बनाना चाहती है. (शिवसेना के समर्थन के बावजूद आरएसएस प्रमुख भागवत बोले - मैं राष्ट्रपति पद की दौड़ में नहीं)
सोमवार की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे. बीच में अपने सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर एयर इंडिया में लगे प्रतिबंध के कारण शिवसेना ने संकेत दिया था कि ठाकरे इस बैठक में नहीं आएंगे. लेकिन अब प्रतिबंध हटने के बाद ठाकरे ने इसमें शामिल होने का फैसला किया है. (शिवसेना ने बीजेपी को दी 'चेतावनी' - राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी पार्टियों से बात कर रहे हैं उद्धव ठाकरे)
बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, अनुप्रिया पटेल, बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर जैसे महत्वपूर्ण सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहेंगे.
बीजेपी महासचिव भूपेन्द्र यादव के मुताबिक बीजेपी की आज हर राज्य में सशक्त मौजूदगी है. पार्टी सबका साथ, सबका विकास मंत्र लेकर देश के विकास के लिए आगे बढ़ रही है.
पार्टी नेताओं के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दलों में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक हर राज्य में तेज़ी से वृद्धि हुई है. जम्मू कश्मीर में पीडीपी और सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ़्रेंस उसके सहयोगी हैं तो यूपी में अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी. बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी और मांझी का हिंदुस्तान अवाम मोर्चा भी पार्टी की सहयोगी हैं.
तमिलनाडु में तीन छोटे दलों के साथ बीजेपी ने हाथ मिलाया है तो वहीं केरल में भी बीजेपी के साथ तीन दल आए हैं जिनके सहयोगी से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 17 फीसदी वोट हासिल किए.
महाराष्ट्र में शिवसेना, आरपीआई ए और शेतकारी संगठन जैसी तीन सहयोगी पार्टियां हैं तो वहीं असम में एजीपी जैसे दल. सिक्किम में एसडीएफ़ बीजेपी के साथ है तो नगालैंड में एनपीएफ बीजेपी के साथ खड़ी है. हाल में गोवा में बीजेपी के साथ दो क्षेत्रीय दल जुड़े हैं और मणिपुर में भी पार्टी के साथ नए दल आए हैं. उत्तर-पूर्व के लिए बनाए गए उत्तर पूर्व विकास गठबंधन नेडा में आठ पार्टियां शामिल हैं.
बीजेपी नेताओं के मुताबिक आज उसके सहयोगी दलों में देश की सभी तरह की आबादी, क्षेत्र और विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले दल हैं. इनमें मुस्लिम बहुल इलाक़े से पीडीपी और सज्जाद लोन, ईसाई समुदाय की नुमाइंदगी करने वाली केरल की एक पार्टी, दलितों का प्रतिनिधित्व करने वाले मांझी, उत्तर पूर्व के आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे दल भी बीजेपी के साथ खड़े हैं. इस लिहाज से एनडीए पूरे देश की भावना को प्रदर्शित करने वाला विशाल गठबंधन बन गया है.
सोमवार की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे. बीच में अपने सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर एयर इंडिया में लगे प्रतिबंध के कारण शिवसेना ने संकेत दिया था कि ठाकरे इस बैठक में नहीं आएंगे. लेकिन अब प्रतिबंध हटने के बाद ठाकरे ने इसमें शामिल होने का फैसला किया है. (शिवसेना ने बीजेपी को दी 'चेतावनी' - राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी पार्टियों से बात कर रहे हैं उद्धव ठाकरे)
बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, अनुप्रिया पटेल, बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर जैसे महत्वपूर्ण सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहेंगे.
बीजेपी महासचिव भूपेन्द्र यादव के मुताबिक बीजेपी की आज हर राज्य में सशक्त मौजूदगी है. पार्टी सबका साथ, सबका विकास मंत्र लेकर देश के विकास के लिए आगे बढ़ रही है.
पार्टी नेताओं के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दलों में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक हर राज्य में तेज़ी से वृद्धि हुई है. जम्मू कश्मीर में पीडीपी और सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ़्रेंस उसके सहयोगी हैं तो यूपी में अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी. बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी और मांझी का हिंदुस्तान अवाम मोर्चा भी पार्टी की सहयोगी हैं.
तमिलनाडु में तीन छोटे दलों के साथ बीजेपी ने हाथ मिलाया है तो वहीं केरल में भी बीजेपी के साथ तीन दल आए हैं जिनके सहयोगी से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 17 फीसदी वोट हासिल किए.
महाराष्ट्र में शिवसेना, आरपीआई ए और शेतकारी संगठन जैसी तीन सहयोगी पार्टियां हैं तो वहीं असम में एजीपी जैसे दल. सिक्किम में एसडीएफ़ बीजेपी के साथ है तो नगालैंड में एनपीएफ बीजेपी के साथ खड़ी है. हाल में गोवा में बीजेपी के साथ दो क्षेत्रीय दल जुड़े हैं और मणिपुर में भी पार्टी के साथ नए दल आए हैं. उत्तर-पूर्व के लिए बनाए गए उत्तर पूर्व विकास गठबंधन नेडा में आठ पार्टियां शामिल हैं.
बीजेपी नेताओं के मुताबिक आज उसके सहयोगी दलों में देश की सभी तरह की आबादी, क्षेत्र और विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले दल हैं. इनमें मुस्लिम बहुल इलाक़े से पीडीपी और सज्जाद लोन, ईसाई समुदाय की नुमाइंदगी करने वाली केरल की एक पार्टी, दलितों का प्रतिनिधित्व करने वाले मांझी, उत्तर पूर्व के आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे दल भी बीजेपी के साथ खड़े हैं. इस लिहाज से एनडीए पूरे देश की भावना को प्रदर्शित करने वाला विशाल गठबंधन बन गया है.
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